इस गांव में आज भी नहीं है सड़क, चारपाई करती है एंबुलेंस का काम, 6 मौतों के बाद भी नहीं जागा प्रशासन-this village even today, cots work as ambulances, There-are-no-roads-administration-did-not-aware-after 6 deaths

करौली. आजादी के बाद भी करौली का यह गांव सड़क के अभाव में जी रहा है. इस गांव में अब तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीणों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव के लोग आज भी कच्ची पगडंडियों से होकर सफर करते हैं. यह गांव करौली के सपोटरा उपखंड की पंचायत सिमीर गांव के अंदर आता है इस गांव का नाम मेदपुरा है.
आज भी सड़क नहीं होने की वजह से गांव में रहने वाले लोगों को सबसे बड़ी समस्या इलाज के समय आती है. हाल ही में, गांव की एक महिला, जानकी देवी, को अचानक पेट में दर्द हुआ. सड़क न होने के कारण गांववाले उसे चारपाई पर लिटाकर लगभग 2 किलोमीटर तक पैदल ले गए ताकि उसे पक्की सड़क तक पहुंचाकर अस्पताल ले जाया जा सके. लेकिन, समय पर इलाज न मिल पाने के कारण जानकी देवी की मौत हो गई. इसके बाद, ग्रामीणों ने महिला के शव को खाट पर रखकर ही गांव पहुंचाया.
यह कोई पहली बार नहीं है जब इस गांव में सड़क की कमी के कारण किसी की जान गई हो. 2022 में भी मेदपुरा गांव के पास एक मिट्टी का टीला गिरने से 6 महिलाओं की मौत हो चुकी है. ग्रामीणों के मुताबिक, उस वक्त प्रशासन और स्थानीय नेताओं ने पक्की सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी अब तक इस गांव में सड़क नहीं बन पाई है.
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन और नेताओं से सड़क बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है. सड़क न होने के कारण हर साल कई लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और उनकी जान चली जाती है. अगर गांव में पक्की सड़क होती, तो शायद जानकी देवी की जान बच सकती थी.
बीतें दिनों हुई इस दर्दनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर अब तक तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों का ध्यान इस समस्या की ओर खींचा जा रहा है. लेकिन अब सवाल यह है कि कब तक इन ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 23:24 IST