Even wildlife’s throats are dry in summer, they are coming out of the territory in search of water. – News18 हिंदी

रिपोर्ट – पीयूष पाठक
अलवर. गर्मी सबको परेशान कर रही है. इंसान हों या जानवर, सबको ठंडा ठंडा कूल कूल की तलाश है. जंगल में उन्हें जहां पानी दिख रहा है वहां मस्ती कर रहे हैं और जहां पानी नहीं मिल रहा तो उसकी तलाश में बस्ती की ओर रुख कर रहे हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व प्रशासन अब नये पोखर बनवा रहा है.
अलवर जिले में अब तापमान में लगातार बढ़ोतरी लोगों के साथ-साथ अब वन्य जीवों के लिए भी दुश्वार हो गयी है. सरिस्का टाइगर रिजर्व के वन्य जीव भी पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. जहां भी उन्हें पानी मिलता है, वे उसमें घंटों समय बिता रहे हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व में बने वाटर होल में बाघ, बाघिन गर्माहट दूर करने के लिए अपना ज्यादातर वक्त पानी में बिता रहे हैं. वन्य जीव अपनी टेरिटरी से बाहर आबादी के पास पहुंच रहे हैं. पानी की समस्या दूर करने के लिए सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों मे अब प्रशासन कृत्रिम तालाब बनाने जा रहा है.
बाघ के डर से नहीं आ रहे वन्यजीव
राजस्थान में पारा अपना असर दिखा रहा है. जानवर पानी के लिए वाटर होल्स ढूंढ रहे हैं. इसी को देखते हुए सरिस्का प्रशासन कृत्रिम तालाबों की संख्या बढ़ा रहा है. प्रशासन सोलर सिस्टम के जरिए और कृत्रिम तालाब बनाने की योजना बना रहा है. वन्यजीव प्रेमी और नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया सरिस्का में कई कृत्रिम तालाब हैं लेकिन टाइगर के डर की वजह से अन्य जानवर वहां जाने से कतराते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरिस्का प्रशासन ने प्रथम तालाबों की संख्या बढ़ाने का निर्णय किया.
सोलर एनर्जी से पानी
सरिस्का के उप वन संरक्षक महेंद्र शर्मा ने बताया सरिस्का में सभी पानी के पॉइंट सोलर के जरिए चल रहे हैं. कुछ जगहों पर टैंकर के माध्यम से भी पानी पहुंचा जा रहा है. प्रशासन को जहां आवश्यकता महसूस हो रही है, वहां पर कृत्रिम तालाब के नए पॉइंट भी बनाए जा रहे हैं.
40 वर्ग किमी में 10 तालाब
सरिस्का टाइगर रिजर्व में एक टाइगर की टेरिटरी करीब 40 वर्ग किलोमीटर का एरिया रहती है. इसमें करीब 10 तालाब बनाए जाते हैं. अभी सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघ बाघिन और शावकों की संख्या 33 है. कई बार ऐसी खबरें सामने आयीं, जब पानी न मिलने के कारण बाघ अपनी टेरिटरी छोड़कर बाहर निकल जाते हैं. गर्मी में टाइगर शिकार करने के बाद घंटों पानी में बिताते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 8, 2024, 18:50 IST