Rajasthan

राजस्थान में हरियाली बिखेरेगा यह अनोखा गमला, इतने दिन पानी स्टोर करने की क्षमता…जानें टेक्निक

Last Updated:March 28, 2025, 11:06 IST

काजरी, बीकानेर के वैज्ञानिकों ने शुष्क इलाकों में पौधे उगाने के लिए जल तृप्ति तकनीक विकसित की है. इस तकनीक में डबल वॉल वाले गमले का उपयोग होता है जो पानी को 15-20 दिन तक स्टोर कर सकता है.X
केंद्रीय
केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, बीकानेर (काजरी) के वैज्ञानिकों ने एक अन

हाइलाइट्स

काजरी, बीकानेर ने जल तृप्ति तकनीक विकसित की.डबल वॉल गमला 15-20 दिन तक पानी स्टोर कर सकता है.शुष्क इलाकों में पौधे उगाने में मददगार.

बीकानेर. पश्चिमी राजस्थान के इलाकों में जहां शुष्क इलाके में वहां गर्मी का असर तेज रहता है और पूरे दिन गर्म हवाएं चलती रहती है. ऐसे में इन इलाकों में पौधे उग नहीं पाते है. और अगर पौधे लगाते भी है तो यह पौधे पानी के अभाव और तेज गर्मी से जल जाते है. ऐसे में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, बीकानेर (काजरी) के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी तकनीक शुरू की है जिससे इन शुष्क इलाकों में भी पौधे जल्दी से बढ़ सकते है और पानी भी पर्याप्त मात्रा में मिल सकता है. काजरी के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा गमला बनवाया है जिससे इस गमले में कई दिनों तक पानी इकट्ठा रह सकता है और पौधे को बढ़ने में मदद मिल जाती है. इससे किसानों और आमजन को काफी फायदा मिल रहा है.

यहां होती है सिर्फ 150 मिली. बारिशकेंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, बीकानेर के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. जी एल बागड़ी ने बताया कि यह जल तृप्ति नाम की तकनीक निकाली है. यह पानी का गमला है वो डबल वॉल वाला गमला है. इस गमले का उपयोग वहां किया जाता है जहां मौसम शुष्क रहता है. उसी जगह इस गमले का उपयोग होता है. जहां बारिश सिर्फ 150 मिलीमीटर होती है. वहां पौधे लगाना बड़ी मुश्किल का काम होता है. इन इलाकों में पौधे गर्मी से जल जाते है और पानी देते है तो भी पनपते नहीं है.

पानी हवा में उड़ जाता है और इससे पौधे को पानी की कमी महसूस होती है. ऐसे में गमला तैयार किया गया है. यह जल तृप्ति तकनीक के बारे में किसानों का बताते भी आ रहे है और कई किसान इसको लेकर भी गए है. हालांकि इस तकनीक को बनाए 20 साल हो गए है लेकिन अब धीरे धीरे इस तकनीक का फायदा किसान उठाने लगे है. किसान इस तकनीक से शुष्क इलाकों में अब पौधे उगाने लगे है. यह कच्ची मिट्टी का गमला है जो कुम्हार या मिट्टी से गमला बनाने वाले लोग इस गमले को 30 से 40 रुपए में बना देते है.

15 से 20 दिन स्टोर हो सकता है पानीवे बताते है कि उन शुष्क इलाकों में गड्ढा खोदकर इस गमले को गढ्ढे में डाल दिया जाता है. इसके बाद पौधे को इस गमले में डाल दिया जाता है. इस गमले को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस गमले में पौधे के एक जगह रखी गई है तो वहीं पानी के लिए भी अलग से जगह रखी गई है. इस गमले में तीन लीटर पानी डाल दिया जाता है. इससे पौधे को करीब 15 से 20 दिन तक नमी मिलती रहेगी. इससे फिर 15 दिन बाद पानी डालने से पौधा सूखेगा नहीं और पौधे को पानी और नमी पर्याप्त मात्रा में मिलती रहेगी.

इसके बाद इस गमले के ऊपर ढक्कन लगा दिया जाता है. जिससे पानी हवा में उड़े नहीं. यह गमला कच्चा मिट्टी का बना हुआ है. अगर एक से दो माह में जब पौधा बड़ा हो जाता है यह गमला जमीन में ही अपने आप टूट जाता है और पौधा भी सुरक्षित रहता है. यह गमला वहां मिट्टी में ही मिल जाता है.

Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

March 28, 2025, 11:06 IST

homerajasthan

राजस्थान में हरियाली बिखेरेगा यह अनोखा गमला, इतने दिन जल स्टोर करने की क्षमता

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj