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Explainer: क्या गृह मंत्रालय खत्म कर सकता है किसी की भारतीय नागरिकता? क्या हैं इसे लेकर नियम

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर अपनी नागरिकता (citizenship) को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी (BJP Leader Subramanian Swamy) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए एक याचिका (Petition) दायर की है. इस याचिका में दावा किया गया है कि राहुल गांधी ब्रिटेन स्थित जिस कंपनी से जुड़े थे, उससे संबंधित दस्तावेजों में उन्होंने खुद को ब्रिटिश नागरिक (British citizen) घोषित किया था. इस आधार पर सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) को निर्देश देने की मांग की. यह मामला साल 2019 से चल रहा है. पिछली चुनौतियों को भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सहित अदालतों ने खारिज कर दिया था. जिसमें इन दावों के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं मिले थे. वैसे राहुल गांधी भारतीय नागरिक (Indian citizen) हैं. हालांकि, उनकी नागरिकता कानूनी चुनौतियों और विवादों का विषय रही है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की थी ऐसी PILइसी तरह के एक घटनाक्रम में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक थे और इसलिए सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य हैं. अदालत ने याचिकाकर्ता को नागरिकता अधिनियम के तहत अपनी शिकायतों के संबंध में उचित अधिकारियों से संपर्क करने का विकल्प बरकरार रखते हुए मामला वापस लेने की अनुमति दी. कुल मिलाकर, चल रहे कानूनी विवादों के बावजूद, राहुल गांधी को आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता दी गई है.

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भारत में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के पास नागरिकता अधिनियम 1955 में उल्लिखित कुछ परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की भारतीय नागरिकता को अस्वीकार या रद्द करने का अधिकार है.

अस्वीकृति या निरस्त के लिए आधारनागरिकता का अधिग्रहण: यदि आवेदक नागरिकता अधिनियम में निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करता है, जैसे अच्छे चरित्र का नहीं होना या भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होना, तो गृह मंत्रालय नागरिकता आवेदनों को अस्वीकार कर सकता है.

नागरिकता निरस्त होना : नागरिकता रद्द की जा सकती है यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है. राज्य के विरुद्ध कुछ अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है. धोखाधड़ी या गलत बयानी से नागरिकता प्राप्त की हो.

प्रोसिड्यूरल अथॉरिटी: गृह मंत्रालय नागरिकता के लिए आवेदनों को स्वीकार करने या ना  करने के लिए जिम्मेदार है. वह दस्तावेजों की पर्याप्तता, सुरक्षा रिपोर्ट और कानूनी प्रावधानों के अनुपालन के आधार पर निर्णय ले सकता है.

लीगल फ्रेमवर्क: इन कार्यों को नियंत्रित करने वाले कानूनी प्रावधान मुख्य रूप से नागरिकता अधिनियम, 1955 में पाए जाते हैं, विशेष रूप से धारा 9 और 10 में, जो उन शर्तों का विवरण देते हैं जिनके तहत नागरिकता रद्द या अस्वीकार की जा सकती है.

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चल रहे मामलों के संदर्भ में, जैसे कि राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती, अदालतों द्वारा गृह मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करने या किसी व्यक्ति की नागरिकता की स्थिति के संबंध में विश्वसनीय आरोप होने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया जा सकता है. हालांकि, नागरिकता रद्द करने के किसी भी निर्णय को कानून द्वारा स्थापित कानूनी मानकों और प्रक्रियाओं का पालन करना होगा.

कोई व्यक्ति कैसे प्राप्त कर सकता है भारतीय नागरिकतापात्रता मापदंड: भारतीय नागरिकता के लिए पात्र होने के लिए, किसी व्यक्ति को निम्नलिखित मानदंडों में से एक को पूरा करना होगा. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश का नागरिक हो और हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से संबंधित हो. भारतीय मूल का व्यक्ति हो जो नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम 7 वर्षों से भारत में सामान्य रूप से निवासी हो. आवेदन की तारीख से पहले के 14 वर्षों में से कम से कम 11 वर्षों तक भारत में रहा हो, जिसमें पिछले 12 महीने भी शामिल हैं. संविधान की आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषा का पर्याप्त ज्ञान हो.

आवेदन प्रक्रिया: गृह मंत्रालय की वेबसाइट https:// Indiancitizenshiponline.nic.in पर जाएं और नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 या धारा 6 के तहत प्रासंगिक ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें. आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पासपोर्ट, आवासीय परमिट, विवाह प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) आदि अपलोड करें. नेट बैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके एसबीआई ई-पे गेटवे के माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान करें. ऑनलाइन आवेदन का प्रिंटआउट जिला कलेक्टर के कार्यालय में जमा करें जहां आवेदक सामान्य रूप से रहता है. यदि भारत से बाहर रहते हैं, तो भारतीय कांसुलर अधिकारी के पास जमा करें.

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प्रोसेसिंग और अप्रूवल दस्तावेजों की पर्याप्तता और सुरक्षा मंजूरी की उपलब्धता के आधार पर आवेदन पर कार्रवाई की जाती है. केंद्र सरकार नागरिकता नियम, 2009 में निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर मामलों का निपटारा करती है. यदि अनुमोदित हो, तो आवेदक को जिला कलेक्टर या भारतीय कांसुलर अधिकारी के समक्ष निष्ठा की शपथ लेनी होगी. पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन है, जिससे योग्य आवेदकों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करना अधिक सुविधाजनक हो गया है.

जिन्होंने विदेशी नागरिकता रखने के बाद भारतीय नागरिकता लीबॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले एक कनाडाई नागरिक थे. उन्होंने भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर अपनी भारतीय नागरिकता की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने करियर में खराब दौर के दौरान इसके लिए आवेदन किया था. कोविड-19 महामारी के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई, लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया और तब से भारतीय नागरिक होने पर अपने गौरव के बारे में मुखर रहे हैं. खेल, मनोरंजन और व्यवसाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने विदेशी नागरिकता छोड़कर भारतीय नागरिकता ली है.

Tags: Citizenship Act, Congress leader Rahul Gandhi, DELHI HIGH COURT, Indian Citizenship, Rahul gandhi

FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 13:11 IST

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