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Eye health Tips : अगर आप सिगरेट के कश लगाते हैं और शराब पीना पसंद करते हैं, तो सावधान… | Quit Smoke and Alcohol Save Your Eyesight

दिल, लीवर और फेफड़ों के लिए हानिकारक है धूम्रपान और शराब

हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान और शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है, खासकर दिल, लीवर और फेफड़ों के लिए। लेकिन यह आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

डॉक्टरों का कहना है कि धूम्रपान और ज्यादा शराब पीने से आंखें सूखी हो सकती हैं, मोतियाबिंद हो सकता है और मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ सकता है। ये सभी समस्याएं आखिरकार आंखों की रोशनी कमजोर कर सकती हैं।

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धूम्रपान से शरीर में खून की नलियां सिकुड़ सकती हैं

आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर धीरज गुप्ता का कहना है कि धूम्रपान से शरीर में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, आंखों की नलियां भी इससे अछूती नहीं रहतीं। इससे मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही आंखों में धमनियों में रुकावट भी पैदा हो सकती है, जिससे आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है या अंधापन भी हो सकता है।

आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है

डॉक्टर महीपाल सिंह सचदेव कहते हैं कि धूम्रपान से डायबिटीज में होने वाली आंखों की समस्या (diabetic retinopathy), मोतियाबिंद और उम्र के साथ होने वाली धब्बेदार अध:पतन (age-related macular degeneration) का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही यह आंखों तक खून के पहुंचने को भी कम करता है, जिससे आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है।

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आंशिक या पूरी तरह से अंधापन हो सकता है

शराब का सेवन भी आंखों की नस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह नस दिमाग को आंखों से देखी गई जानकारी पहुंचाने का काम करती है। डॉक्टर धीरज का कहना है कि ज्यादा शराब पीने से यह नस कमजोर हो सकती है, जिससे आंशिक या पूरी तरह से अंधापन हो सकता है। शराब पीने से धुंधला दिखना, आंखों के सामने काला धब्बा आना और रंग न पहचान पाना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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<h2>मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है</h2>

 डॉक्टर महीपाल कहते हैं कि नियमित रूप से शराब पीने से मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही यह आंखों में सूखापन की समस्या (dry eye syndrome) को भी बढ़ा सकता है और ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ा सकता है।

अच्छी आंखों के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन कम से कम करना या पूरी तरह से बंद कर देना जरूरी है। साथ ही नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना भी बहुत जरूरी है ताकि किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सके और इलाज किया जा सके।

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