फरहतुल्ला गौरी या अबू पाकिस्तानी, गुजरात में दबोचे गए सुसाइड बॉम्बर्स को कौन दे रहा था 26/11 जैसा प्लान
देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएस (IS) ने एक बड़ी साजिश रची थी. लेकिन गुजरात पुलिस और गुजरात एटीएस ने बड़े मकसद से घुसे चार आतंकियों (सुसाइड बॉम्बर्स) को दबोचने में सफलता हासिल की. धरे गए चारों आतंकी मोहम्मद नुसरत, मोहम्मद फारिश, मोहम्मद नसरान, मोहम्मद रशदीन श्रीलंकाई नागरिक हैं. बताया जाता है कि ये चारों आईएसआईएस के फॉलोअर्स हैं. बताया जा रहा कि इनका इरादा भारत में मुंबई में 26/11 जैसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देना था. माना जा रहा है कि इसके पीछे फरहतुल्ला गौरी या अबू पाकिस्तानी जैसे शातिर आतंकियों का हाथ हो सकता है.
पकड़े गए ये चारों आतंकी चेन्नई के रास्ते हवाई मार्ग से अहमदाबाद पहुंचे थे. एटीएस खुफिया इनपुट मिलने के बाद रेल, हवाई और सड़क मार्ग की मॉनिटरिंग कर रही थी. एटीएस ने कोलंबो से जानकारी ली तो सामने आया कि ये चारों कोलंबो से चेन्नई एक साथ ही पहुंचे हैं. इसके बाद एटीएस का शक पुख्ता हो गया. एटीएस को जैसे ही चेन्नई से अहमदाबाद आ रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 848 में इन आतंकियों के नाम की पुष्टि हुई वैसे ही अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विमान के लैंड करते ही इन्हें धर लिया गया.
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मिले पाकिस्तान में बने हथियारगुजरात एटीएस ने कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं. एटीएस उससे जुड़ी जानकारी हासिल करने में लगी है. इन हथियारों पर फाटा (FATA) लिखा हुआ है और सितारे का निशान बना हुआ है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ये हथियार जम्मू-कश्मीर बार्डर पर गिराए गए होंगे. इस बात की जांच की जा रही है कि यह वहां से गुजरात कैसे पहुंचे. जिस स्थान पर मिले हैं वहां तक कैसे पहुंचे. लोकल लेवल पर उनका कौन मददगार है. सारे मामलों की तफ्तीश हो रही है, कई टीमें जांच में जुटी हैं.
अबू पाकिस्तानी मुख्य साजिशकर्ता!दबोचे गए चारों आतंकी इसी साल फरवरी में पाकिस्तान के रहने वाले अबू उर्फ अबू पाकिस्तानी के संपर्क में थे. ये चारों तमिल भाषी थे और इसी भाषा में आपस में बातचीत करते थे. अबू पाकिस्तानी इन्हें जो सूचना जरूरी होती थी उतनी ही जानकारी देता था. इन चारों के फरवरी 2024 से अबू के संपर्क में आने और आईएस की विचारधारा से प्रेरित होने के बाद से ही इनका प्रशिक्षण शुरू हो गया था. प्रशिक्षण के दौरान इन चारों ने हथियार चलाना सीखा. इसी दौरान इन लोगों ने शपथ ली थी, जिसका वीडियो भी बनाया गया था. इसमें चारों आतंकी भारत में यहूदी. ईसाई, भाजपा और आरएसएस के नेताओं को सबक सिखाने की शपथ ले रहे हैं. उन्हें मुस्लिम समुदाय पर होने वाले अत्याचारों का बदला लेने के लिए उकसाया जा रहा है.
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हाई-टेक टेक्नालॉजी का यूजपकड़े गए चार में से दो आतंकी इससे पहले भी सात-आठ बार भारत आ चुके हैं. चारों के पास भारत का वीजा है. ये कहां-कहां गए थे, उसकी जांच की जा रही है, इनके भारत आकर रेकी करने की आशंका है. मोहम्मद नुसरत के पास पाकिस्तान का भी वीजा मिला है. वह कितनी बार पाकिस्तान गया है. ये चारों अबू पाकिस्तानी से संपर्क करने के लिए प्रोटोन ई-मेल का इस्तेमाल करते थे. इसके अलावा वे सिग्नल नाम के मोबाइल एप्लीकेशल का भी प्रयोग करते थे. इस ऐप का इस्तेमाल आपस में बातचीत के लिए होता था.
फरहतुल्ला गौरी के खतरनाक इरादेखुफिया एजेंसियों को शुबहा है कि इसके पीछे पाकिस्तान के आतंकी फरहतुल्ला गौरी का हाथ हो सकता है. फरहतुल्ला गौरी के संबंध लश्कर-ए- तैयबा और जैश- ए- मोहम्मद से बताये जाते हैं. वह 2002 में गांधीनगर में अक्षर धाम पर हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड था. कुछ महीने पहले उसने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का एक वीडियो जारी किया था. उसके बाद से खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ी हुई थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले साल खुलासा किया था कि वह इस्लामिक स्टेट का भर्तीकर्ता बताता था. उसकी पहचान कई मॉडयूल के हैंडलर के तौर पर की गई थी.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 17:40 IST