Festival of Janmashtami…Kanha will appear at midnight | जन्माष्टमी का पर्व…हवाई गर्जनाओं के बीच मध्य रात्रि में प्रगटेंगे कान्हा

जयपुर. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर बुधवार से दो दिवसीय जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। पर्व के मद्देनजर शहर के कृष्ण मंदिरों में सजावट सहित अन्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
जयपुर. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर बुधवार से दो दिवसीय जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। पर्व के मद्देनजर शहर के कृष्ण मंदिरों में सजावट सहित अन्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
ज्योतिषविदों के मुताबिक शहर स्थापना के समय से राजधानी जयपुर में गोविंददेव जी मंदिर के हिसाब से पर्व मनाने की परंपरा है। चूंकि गोविंददेव जी मंदिर शहर के आराध्य देव हैं। मथुरा-वृंदावन में भी पर्व कल मनाया जाएगा। हवाई गर्जनाओं के बीच मध्य रात्रि में कान्हा प्रगटेंगे। वहीं, जन्माष्टमी का सरकारी अवकाश भी गुरुवार को ही रहेगा।
उधर, शहर आराध्य गोङ्क्षवद देव जी मंदिर में मंगलवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। तेज गर्मी से बचाव के लिए मंदिर में कारपेट बिछाया गया है और शेड की व्यवस्था की गई है। वहीं, विभिन्न संकीर्तन मंडलों ने सत्संग और भजन-कीर्तन की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 3:37 बजे से गुरुवार शाम 4:14 बजे तक रहेगी। बुधवार को मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्म के समय का रवियोग अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि, वृष का चंद्रमा, वृषभ लग्न और बुधवार का संयोग रहेगा। हालांकि इस दिन सूर्योदय के समय नहीं रहने से पर्व गुुरुवार को मनाया जाएगा। गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि का संयोग केवल दोपहर तक रहेगा। यानि उदियात में तिथि रहने से पर्व मनेगा।