Rajasthan

SMS Hospital : ICU में भर्ती मरीज को चढ़ाया गलत खून, चली गई जान…बल्ड चढ़वाते वक्त इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Jaipur News : रक्तदान को महादान कहते हैं, किसी को खून देकर आप किसी दूसरे की जिंदगी बचा सकते हैं। लेकिन यदि यहीं खून मौत का कारण बन जाएं तो…? एसएमएस अस्पताल में गलत ग्रुप का खून चढ़ाने से सचिन शर्मा की मौत के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सचिन का ब्लड ग्रूप O+ था लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से AB+ ग्रूप का खून चढ़ा दिया गया जिससे आईसीयू में एडमिट मरीज सचिन की मौत हो गई है। नर्सेज संगठन ने जहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस से प्रशासनिक या न्यायिक अधिकारी से फिर से जांच करवाने की मांग की है।

 

दरअसल, सचिन शर्मा की मौत के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने कमेटी गठित की थी। इसमें एक सह आचार्य के अलावा दो रेजिडेंट को एपीओ और एक नर्सिंग ऑफिसर को निलम्बित किया गया था। इस संबंध में राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति प्रदेश संयोजक नरेंद्र सिंह शेखावत व प्यारेलाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) शुभ्रा सिंह से मुलाकात की। उन्होंने एसीएस से समान दोष पाए जाने पर भी नर्सेज व रेजिडेंट में विभाग की ओर से कार्रवाई में भेदभाव करने की बात कही। उधर, एसीएस शुभ्रा सिंह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि यह प्राथमिक जांच है। आगे की जांच में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

एपीओ रेजिडेंट का नाम हटाया जाए

 

 

 

 

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के आइएचटीएम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बीएस मीणा ने प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा को पत्र लिखा है। पत्र में बताया कि एपीओ रेजिडेंट डॉ. दौलत राम मीणा का मामले में कोई दोष साबित नहीं हो रहा। आइएचटीएम विभाग ब्लड बैंक की भी कोई गलती नहीं है। फिर भी उन्हें दंडित किया जा रहा है। निर्णय से विभाग में कार्यरत समस्त रेजिडेंट हतोत्साहित हैं। उन्होंने मामले से दौलत राम का नाम हटाने को भी कहा है। इस संबंध में डॉ. मीणा से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो सकी।

 

 

 

 

 

 

 

कार्य बहिष्कार आज भी जारी

 

 

 

 

रेजिडेंट चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। सवाई मानसिंह अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित रहीं। रेजिडेंट के कार्य बहिष्कार के कारण मरीज सोमवार को भी परेशान होते रहे। दूसरी ओर रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सरकार को मरीज और रेजिडेंट दोनों की परवाह नहीं है। जार्ड अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमावत का कहना है कि जब तक असली दोषी पकड़े नहीं जाएंगे तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

 

 

 

 

 

 

ब्लड चढ़ाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

 

 

– मरीज को ब्लड चढ़वाते वक्त उनके परिजन आसपास रहें ताकि यदि ब्लड का रिेक्शन हो तो तुरंत डॉक्टर को बताया जा सके।

– ब्लड बैग पर एक्सपायरी डेट की जांच करने के बाद ही ब्लड चढ़ावें।

– ब्लड लेने के बाद मरीज के नाम और UHID का सही से संपलिंग लेवल किया गया है या नहीं इस बात को सदैव ध्यान रखें।

– यह भी सुनिश्चित करें कि जिस ड्रिप से ब्लड चढ़ाई जा रही है उसमें बिल्कुल भी हवा न हो। वरना मरीज के जान जाने का खतरा बना रहता है।

– ब्लड चढ़ाने से पहले मरीज का ब्लड प्रेशर, पल्स और टेंपरेचर जांच कर लें।

– ब्लड चढ़ाते समय 15-15 मिनट बाद मरीज की मॉनिटरिंग जरूर करते रहें।

– सुनिश्चित करें कि ब्लड बैंक का सील कहीं से खुला न हो।

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