Health

Fish Lovers Beware! Avoid Eating This Dangerous Fish – It Can Be Fatal!|इस मछली को भूलकर भी न खाएं.

Last Updated:October 28, 2025, 20:06 IST


नॉन-वेज प्रेमियों को मछली बहुत पसंद होती है. खासकर तटीय इलाकों और बिहार-बंगाल के लोगों के लिए मछली के बिना खाना अधूरा लगता है. लेकिन सभी मछलियां स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होतीं. कुछ मछलियां रासायनिक पदार्थों से भरी होती हैं, जो अगर आपके शरीर में पहुंच जाएं, तो जानलेवा साबित हो सकती हैं.

कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और बिहार-बंगाल में मछली भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है. लोग दोपहर के खाने के साथ मछली की करी पसंद करते हैं. मछली के बिना उनका भोजन अधूरा माना जाता है. लेकिन सभी मछलियां स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होतीं. समुद्री मछलियां अधिक फायदेमंद होती हैं. इनमें संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) कम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.

सैल्मन, मैकरल और ट्यूना मछलियां विशेष रूप से लाभदायक होती हैं. इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है. यह खून में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है. यह हार्ट की सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मछली खाने से हार्ट रोग का खतरा कम होता है.

बच्चे, बुज़ुर्ग और पेट की समस्या वाले लोग भी समुद्री मछली को सुरक्षित रूप से खा सकते हैं. मछली में विटामिन ए, विटामिन डी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सेलेनियम और आयोडीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें प्रोटीन भी भरपूर होता है. यह शरीर के लिए आवश्यक खनिजों और विटामिनों का भंडार है. मछली खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, हड्डियां मज़बूत होती हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है.

कई लोग छोटी मछलियां खाते हैं. यह एक गलत धारणा है कि छोटी मछलियां या फॉर्म की (पालतू) मछलियां अधिक पौष्टिक होती हैं. इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसके विपरीत, फॉर् कीम मछलियों जैसे कि टिलापिया को हार्मोन के इंजेक्शन देकर पाला जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक है.

टिलापिया ऐसी ही मछलियों की सूची में शामिल है. टिलापिया में हानिकारक तत्व और अधिक वसा पाई जाती है. यह कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों का खतरा बढ़ाती है. इसमें डायब्यूटिलीन नामक रासायनिक पदार्थ जमा होता है, जिससे अस्थमा, मोटापा और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, इसमें डायॉक्सिन नामक विषैला तत्व भी पाया जाता है, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.

फार्म (पालतू) की मछलियां अक्सर पानी में गिरने वाले औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट को खाती हैं, जिससे वे पूरी तरह प्रदूषित हो जाती हैं. इनमें पाए जाने वाले पारे (मरकरी) का स्तर मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है. पारे के कारण तंत्रिका तंत्र की समस्याएं और मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है. खासकर गर्भवती महिलाएं और बच्चे ऐसी मछलियों से दूर रहें.

यदि शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित न रहे, तो गठिया और किडनी स्टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. शराब, मिठाइयां, फ्रक्टोज़, रेड मीट और कुछ मछलियां (जैसे ट्यूना) का अत्यधिक सेवन यूरिक एसिड को बढ़ाता है. हालांकि समुद्री मछलियां सामान्यतः सुरक्षित होती हैं, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए.अंत में, सही मछलियों का चयन करें. जैसे सैल्मन और मैकरल. टिलापिया जैसी फार्म की मछलियों से बचें. मछली सेहत के लिए लाभदायक है लेकिन सही मछली चुनना ज़रूरी है. हफ्ते में 2–3 बार मछली खा सकते हैं लेकिन स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त मछली ही खरीदें. 

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :

October 28, 2025, 20:06 IST

homelifestyle

Fish: मछली प्रेमियों सावधान! इस मछली को भूलकर भी नहीं खाएं, अगर शरीर में चली

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj