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वाल्मिकी टाइगर रिजर्व बन रहा बाघों का पसंदीदा ठिकाना, 13 वर्षों में 8 से बढ़ कर हुए 54

आशीष कुमार/बेतिया. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला बिहार का इकलौता बाघों का आशियाना वाल्मीकि टाईगर रिजर्व (वीटीआर) तेजी से आगे बढ़ रहा है. वीटीआर टाइगर संरक्षण के साथ ही देश में तेजी से बाघों की संख्या वृद्धि करने वाला अभ्यारण्य बनने की राह पर है. नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी यानी एनटीसीए की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वीटीआर में बाघों की कुल संख्या बढ़ कर 54 हो गई है. पिछले चार साल में यहां 21 बाघ अधिक पाए गए हैं. 54 टाइगर के अलावा यहां दर्जन भर बाघ शावक भी हैं, जिनको गणना में शामिल नहीं किया गया है.

वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के सीएफ नेसामणि ने बताया कि बिहार के इस टाइगर रिजर्व को मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवेल्युएशन के आधार पर ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में रखा गया है. इतना ही नहीं, ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन रिपोर्ट में भी इस टाइगर रिजर्व के इकोलॉजी की महत्ता को स्थापित किया गया है. वीटीआर में हुए अभी तक के सर्वे के मुताबिक, यहां वर्ष 2010 में 8, वर्ष 2013-14 में 28 और वर्ष 2018-19 में बाघों की संख्या 31 पार कर गया. अभी यहां 54 बाघ हैं. यहां का हैबिटेट टाइगर को पसंद आ रहा है.

असरदार रही संरक्षण के लिए चलाई गई मुहिम

वीटीआर के सीएफ के अनुसार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 80 जवानों के स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है. साथ में 600 से अधिक स्थानीय युवाओं को टाइगर ट्रैकर्स तथा एंटी पोचिंग कैम्प पर भी तैनात किया गया है. इसके अलावा, नेचर गाइड सहित अन्य गतिविधियों से भी स्थानीय युवाओं को जोड़ा गया है.

खास बात है कि वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण के लिए चलाई गई मुहिम रंग ला रही है. प्रतिवर्ष औसतन 1900 हेक्टेयर भूमि पर ग्रासलैंड मैनेजमेंट कर आहार श्रृंखला को बेहतर किया जा रहा है. फोरेस्ट गार्ड के साथ सुरक्षा के कड़े प्रबंध से शिकार की घटनाएं रुकी हैं. यहां एंटी पोटिंग सेंटर की संख्या 15 से बढ़ा कर 55 तक कर दी गई है. वीटीआर में बाघों के अलावा तेंदुआ और अन्य जानवरों का कुनबा भी तेजी से बढ़ रहा है.

Tags: Bihar News in hindi, Champaran news, Local18, Tiger census, Valmiki Tiger Reserve

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