बाड़मेर में है ये अनूठा मंदिर, जहां 23 हिन्दू और जैन मूर्तियों की होती है पूजा, ये है खासियत

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. कहते हैं, जिसके प्रति आस्था होती है वही आराध्य होता है. आज के दौर में जहां एक दूसरे धर्म से खुद के धर्म को बड़ा दिखाने की प्रतिस्पर्धा नजर आती है. वहीं इस माहौल से अलग बालोतरा में एक जगह धर्म निरपेक्षता की मिसाल बनी नजर आती है. बालोतरा से जोधपुर जाने वाले राजमार्ग पर स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ रणुजा तीर्थ लोगों के लिए किसी अचरज से कम नही है. यहां जैन मंदिर के अलावा बाबा रामदेव जी का मंदिर बनाया गया है, जहां भक्त सुबह शाम पूजा अर्चना करते हैं.
यहां सुबह पक्षाल, केसर पूजा और नवकार मंत्र गुंजायमान होता है तो जयकारों के साथ विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं की आरती भी आसमां में गूंजती है. ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक लुंकड़ बताते है कि 1 लाख स्कावयर फिट में बने इस अनूठे धाम में शंखेश्वर पार्श्वनाथ, गुरु मन्दिर, विजय शांति सूरी जी मन्दिर, चक्रेश्वर महावीर समेत 9 जैन भगवान और दादा गुरुदेव की मूर्तियां हैं. वहीं ट्रस्ट के मितेश लुंकड बताते हैं कि जो भी इस मंदिर में आता है, वह इसकी भव्यता के साथ इसके निर्माण की नेक भावना से प्रभावित हुए बिना नही रह पाता.
इस समय बना रामदेव मंदिर
अध्यक्ष बताते हैं कि इसकी शुरुआत रामदेवरा के लिए पैदल जा रहे जातरूओं के लिए की थी. इसके बाद साल 2000 में रामदेवजी का मंदिर बनाया और साल 2005 में शिखरबन्द मन्दिर बनाने की ठानी और 15 साल में इस भव्य मंदिर को बनाने में लग गए. वह बताते हैं कि पहले रामदेवजी का मंदिर बनाया. इसके बाद जैन मंदिर का भी निर्माण करवाया. यहां हिन्दू-मुस्लिम के साथ साथ जैन समुदाय के भी लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं. वह बताते हैं कि जैन मंदिर में 9 मूर्तियों सहित 23 मुर्तिया स्थापित की गई है.
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FIRST PUBLISHED : August 29, 2023, 10:42 IST