घूंघट से वर्दी तक: 14 की उम्र में परिवार ने करवा दी शादी, पति की मौत हुई तो सबने छोड़ दिया साथ, पर डरी नहीं संतोष…ऐसे बन गईं अफसर
उदयपुर: उदयपुर शहर की संतोष भाटी ने घूंघट को पीछे छोड़ वर्दी तक का सफर तय किया है. छोटी उम्र में उनकी शादी हो गई थी. फिर पति की मौत हो गई. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. अपने जिंदगी को बदलने की ठानी और कर दिखाया.
संतोष भाटी की जर्नीसंतोष भाटी बताती हैं, ‘जब मैं केवल 14 साल की थी, तब मेरे माता-पिता ने शादी करवा दी थी. शादी के बाद मैं उदयपुर के पास के एक गांव में रहने लगी. तब मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई. जब मेरे पति का निधन हो गया. इसके बाद उदयपुर शहर आना पड़ा, लेकिन परिवार वालों ने भी मदद से हाथ खींच लिया.’ इस कठिन समय में उन्हें अपनी बेटियों के पालन-पोषण की बड़ी चुनौतियां थीं.
संघर्ष के बीच हुई नई जिंदगी की शुरुआतसंतोष ने 26 वर्ष की उम्र में लोगों के घरों में काम करना शुरू किया. इसके साथ ही, उन्होंने चॉकलेट पैकिंग, बाइंडिंग और शादियों में खाना बनाने का काम भी किया. इन छोटे-मोटे कामों से उन्होंने अपने परिवार का गुजारा चलाया. हर चुनौती को पार करने का फैसला लिया और परिवार को संभाला.
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साल 2015 में बनीं वनरक्षकसंतोष बताती हैं कि जब वह एक संस्थान में काम कर रही थीं, तब वहां के लोगों ने उन्हें फिर से पढ़ाई शुरू करने की सलाह दी. शुरुआत में वह परीक्षा केंद्र से डर के मारे वापस लौट आई थीं, लेकिन उनके मन में कुछ करने की इच्छा थी. उन्होंने अपनी बेटी के साथ 10वीं कक्षा पास की और फिर बीए के साथ-साथ वनरक्षक की भर्ती परीक्षा की तैयारी भी शुरू की. साल 2015 में वह वनरक्षक के पद पर चयनित हुईं और अपने संघर्ष की मिसाल बन गईं.
पढ़-लिख संवार ली जिंदगीसंतोष भाटी के पति के गुजर जाने के बाद परिवार वालों ने उनका साथ नहीं दिया. उनकी पूरी जिंदगी रोने-धोने में गुजार जाती. पर संतोष के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने वक्त के साथ हालात भी बदल दिए. आज वो वनरक्षक के पद पर हैं और महिलाओं के लिए किसी सुपरस्टार से कम नहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 12:32 IST