Fully developed fetus in the stomach of 11 year old girl, High Court s | 11 साल की रेप पीड़िता देगी बच्चे को जन्म, राजस्थान HC का गर्भ को गिराने की अनुमति देने से इनकार

राजस्थान हाईकोर्ट ने 11 साल की बच्ची के गर्भ को गिराने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा, इस मामले में बालिका बलात्कार की वजह से गर्भवती हुई है, और उसे 31 हफ्ते बाद गर्भधारण का पता चला। अब भ्रूण 31 हफ्ते का होने के कारण मेडिकल बोर्ड के मुताबिक गर्भपात सुरक्षित नहीं है।
जयपुर. हाईकोर्ट ने 11 साल की बालिका के 31 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इससे इस बालिका को बच्चे को जन्म देना होगा। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि पूर्ण विकसित भ्रूण को भी दुनिया देखने का अधिकार है, लेकिन गर्भवती बालिका को जयपुर स्थित बालिका गृह में रखा जाए और उसे सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के साथ पोषित आहार की व्यवस्था की जाए।
कोर्ट ने बलात्कार पीड़ित बालिका को प्रतिकर योजना के तहत मुआवजा दिलाने को कहा है, वहीं बच्चे की नाल, रक्त के नमूने सहित डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट को सुरक्षित रखकर पुलिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने बालिका की ओर से गर्भपात के लिए पेश याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बालिका बलात्कार के कारण गर्भवती हुई और उसे 31 सप्ताह बाद गर्भधारण का पता चला। भ्रूण 31 सप्ताह का होने के कारण मेडिकल बोर्ड के अनुसार गर्भपात सुरक्षित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कानून महिला को गर्भवती होने या नहीं होने का अधिकार देता है, लेकिन इस मामले में भ्रूण पूर्ण रूप से विकसित हो चुका है और उसकी धड़कन चल रही है। ऐसे में गर्भपात की अनुमति दी तो प्रसव से अपरिपक्व शिशु का जन्म होगा।
पूर्ण विकसित भ्रूण को भी है जीने का मौलिक अधिकार
कोर्ट ने कहा कि पूर्ण विकसित भ्रूण को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वस्थ जीवन जीने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। कोर्ट ने कहा कि सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था कराए। उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं होने दी जाए।
याचिका में कहा था