Danger of serious groundwater crisis in India after two years | दो साल बाद भारत में भूजल के गंभीर संकट का खतरा

नई दिल्लीPublished: Oct 27, 2023 12:35:04 am
दोहन की अति : संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चेतावनीदो साल बाद भारत में भूजल के गंभीर संकट का खतरा
दो साल बाद भारत में भूजल के गंभीर संकट का खतरा
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगले दो साल में भारत में भूजल के स्तर में बेहद कमी हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सिंधु-गंगा के मैदान के कुछ इलाके पहले ही भूजल की कमी के खतरनाक स्तर को पार कर चुके हैं। उत्तर-पश्चिमी भारत में 2025 तक भूजल के गंभीर संकट का खतरा है। ‘इंटरकनेक्टेड डिजास्टर रिस्क रिपोर्ट 2023’ शीर्षक से संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय-पर्यावरण और मानव सुरक्षा संस्थान (यूएनयू-ईएचएस) ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। वह अमरीका और चीन के संयुक्त उपयोग से अधिक भूजल का इस्तेमाल करता है। भारत का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र देश की बढ़ती आबादी के लिए ‘रोटी की टोकरी’ के रूप में काम करता है। देश में चावल उत्पादन का 50 फीसदी और गेहूं उत्पादन 85 फीसदी पंजाब, हरियाणा में होता है। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में 78 फीसदी कुओं का भूजल के लिए बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सऊदी अरब जैसे कुछ देश पहले से भूजल की कमी से जूझ रहे हैं। भारत समेत अन्य देश इस संकट से ज्यादा दूर नहीं हैं। पानी की कमी होने पर अक्सर कृषि के लिए करीब 70 फीसदी भूजल की निकासी की जाती है। कृषि को सूखे के कारण होने वाले नुकसान को कम करने में भूमिगत जल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जलवायु परिवर्तन के कारण भूजल स्तर की हालत और बदतर होने की आशंका है।