Rajasthan

Gehlot Government Is Bringing Social Security Policy In The Corona – सामाजिक सुरक्षा नीति पर सरकार में मंथन तेज, अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

-कांग्रेस शासित राज्य पंजाब की सामाजिक सुरक्षा नीति का अध्ययन करेंगे अधिकारी,अध्ययन के बाद प्रदेश में लागू होगी सामाजिक सुरक्षा नीति, सामाजिक सुरक्षा नीति को लेकर कैबिनेट की बैठक में हुई थी चर्चा,कोरोना से अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा हुए लोगों के लिए लाई जा रही है सामाजिक सुरक्षा नीति

जयपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा हुए परिवारों के लिए गहलोत सरकार की ओर से लाई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा नीति को लेकर मंथन तेज हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सामाजिक सुरक्षा नीति को लेकर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है कि कांग्रेस शासित राज्य पंजाब की सामाजिक सुरक्षा नीति का अध्ययन कर उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दें।

उसके बाद मुख्यमंत्री प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा नीति को लागू कर देंगे। सूत्रों की माने तो सामाजिक सुरक्षा नीति के तहत अनाथ और बेसहारा हुए परिवारों लोगों के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की जा सकती है।

मंत्री परिषद की बैठक में हुई चर्चा
वहीं प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा हुए परिवारों संबल देने के लिए सामाजिक सुरक्षा नीति अपनाने को लेकर मंत्रिपरिषद की बैठक में चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में पंजाब मॉडल को फॉलो करने के निर्देश भी दिए थे।

विभिन्न संगठनों ने उठाई थी मांग
वहीं दूसरी ओर कोरोना से अनाथ हुए बच्चों और परिवार में कमाऊ व्यक्ति की कोरोना से मौत होने से बेसहारा हुए परिवारों को संबल देने के लिए विभिन्न संगठनों ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाई थी कि कोरोना से जो बच्चे अनाथ हुए हैं और कमाऊ के जाने से जो परिवार बेसहारा हुए है उन लोगों के लिए भी सरकार आर्थिक पैकेज की घोषणा करें। साथ ही बच्चों को स्नातक की निःशुल्क शिक्षा का ऐलान करें।

बाल आयोग ने दिए थे कलेक्टर्स को निर्देश
प्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की व्यवस्था संभालने को लेकर राज्य बाल आयोग ने भी सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए थे कि वह अनाथ हुए बच्चों हर संभव मदद करें।

यह रहेगा सामाजिक सुरक्षा नीति में
सूत्रों की माने तो राजस्थान सरकार की ओर से तैयार की जा रही सामाजिक सुरक्षा नीति में अनाथ हुए बच्चों को स्नातक तक की निःशुल्क शिक्षा का ऐलान किया जा सकता है। वहीं वे परिवार जिनका कमाऊ कोरोना संक्रमण के चलते जीवित नहीं रहा उन परिवारवालों ढाई हजार रुपए पेंशन देने की चर्चा है।

गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को स्नातक तक की फ्री शिक्षा देने के साथ ही परिवार में कमाने वाले सदस्य की मौत हो जाने से उस परिवार को भी 15 सौ रुपए की पेंशन देने की घोषणा की है। वहीं अब गहलोत सरकार भी पंजाब की समाज सुरक्षा नीति को ही फॉलो करने की तैयारी में है।

मौतों का आंकड़ा जुटाने में जुटी सरकार
सामाजिक सुरक्षा नीति लागू करने से पहले गहलोत सरकार प्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा और परिवार में कमाऊ व्यक्ति की मौत हो जाने का आंकड़ा जुटाने में जुट गई है। इसके लिए भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं।

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