GM crop use in developing countries | विकासशील देशों में जीएम फसल का उपयोग
जयपुरPublished: Apr 20, 2023 12:34:29 am
किफायती विकल्प
नई दिल्ली. पिछले दो दशकों में पूरे विश्व के किसानों द्वारा जेनेटिकली मोडिफाईड फसलों के उपयोग में वृद्धि हुई है। जीएम फसलों की खेती वाली जमीन का अधिकांश हिस्सा विकासशील देशों में हैं। इससे हमें इस बात की झलक मिलती है कि जीएम फसलें उन छोटी अर्थव्यवस्थाओं के लिए सकारात्मक परिवर्तन लेकर आई हैं, जिन्हें खेत में आधुनिक सुविधाएं और मशीनें हमेशा उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। यह कहना है डॉ. रत्ना कुमरिया (डायरेक्टर-कृषि बायोटेक्नॉलॉजी, अलायंस फॉर एग्री इनोवेशन, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) का।
जीएम फसलों ने कृषि का एक प्रभावशाली, किफायती और सस्टेनेबल (संधारणीय) विकल्प प्रस्तुत किया है, जो लागत बढ़ाए बिना पैदावार बढ़ा सकता है। इसलिए जीएम फसलों का सबसे बड़ा फायदा विश्व में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को हल करने में इसके द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका है। जीएम फसलों के कृषि संबंधी और आर्थिक सापेक्ष प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए किए गए अध्ययन प्रदर्शित करते हैं कि बायोटेक्नॉलॉजी के समाधानों से विकासशील देशों में पैदावार और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि विकासशील देशों द्वारा जीएम टेक्नॉलॉजी अपनाए जाने का कारण इसके द्वारा खेती आसान हो जाना, कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कम होना, और बेहतर पैदावार मिलना है।