Govind Sarovar lit up with 7.51 lakh lamps in Kartik festival | कार्तिक महोत्सव में 7.51 लाख दीपकों से जगमग हुआ गोविंद सरोवर


इधर पुष्कर मेला का समापन : धोरों में जीवंत हो उठा लोक संगीत
कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही पुष्कर मेले (Pushkar Fair) का मंगलवार को समापन हो गया। मेला मैदान में समापन समारोह का आयोजन हुआ। इसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों की लोक कलाएं जीवंत हो उठी। जहां नखरालो ऊंट को सजाकर प्रदर्शन किया, वहीं हाथ में तलवार लिए रोबीले युवा मूछों पर ताव देते ऊंट पर बैठकर धोरों में शान से निकले। रावणहत्था पर राजस्थानी संगीत बज उठा। सीकर की मंडली ने बांसुरी की धुन पर चंग की धमाल के साथ नृत्य करके दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कैमल सफारी का विशेष प्रदर्शन किया गया। गुजरात की कच्छी घोड़ी नृत्य समापन समारोह का मुख्य आकर्षण रहा ।
एक के बाद एक आयोजित बेस्ट ऑफ राजस्थान के लोक गीत संगीत नृत्य के कार्यक्रमों ने मेला मैदान में बैठे हजारों दर्शकों का मन मोह लिया। धोराें में राजस्थानी लोक परंपरा की छटा निखर गई। समारोह में मेले की व्यवस्थाओं में सहयोग करने पर विभिन्न सरकारी महकमों के अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। समारोह की शुरूआत स्कूली बालिकाओं के सामूहिक घूमर नृत्य से हुई। इसके बाद धोरों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आकर्षक एवं मनोरंजक रही। मेला मैदान राजस्थान के परंपरागत खेल ,बोरी दौड़, चम्मच रेस, रस्साकशी की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । खास बात यह रही कि राजस्थानी परंपरागत खेलों में विदेशी पर्यटकों ने बहुत ही बढ़ चढ़कर भाग लिया। विदेशी पर्यटकों ने राजस्थानी खिलाड़ियों प्रतियोगियों के साथ जमकर जोर आजमाइश करते हुए प्रतियोगिता खेली।
मारवाड़ी महिलाओं ने दिखाया दमखम
समापन समारोह में देशी व विदेशी महिलाओं के बीच रस्सा कस्सी प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। इसमें विभिन्न देशों की 11 विदेशी तथा 11 देशी महिलाओं ने भाग लिया। दोनों तरफ से बड़े रस्सी को खींचने की होड़ मच गई । आखिरकार राजस्थानी महिलाओं के हौसलों के सामने विदेशी महिला खिलाड़ी धोराें में पांव नहीं जमा पाई तथा हार गई। राजस्थानी महिला टीम ने जीत दर्ज की।
बोरा पहनकर दौड़ी युवतियां
मेला मैदान में महिलाओं की बोरी रेस का रोचक आयोजन भी हुआ। विदेशी पर्यटकों ने इस नए खेल को देखकर अचंभा किया। आयोजन के तहत 11 महिलाएं जूट से बने बोरे कमर तक पहनकर रेतीले धोरों में दौड़ी। प्रतियोगिता में अजमेर जिले की भिनाय पंचायत की पीलिया गांव निवासी सुमन गुर्जर दौड़ में आगे रही। दूसरे नंबर पर पुष्कर की पूजा कुमावत और तीसरे नंबर पर साहिल रही।
चम्मच दौड़ भी लगाई
मेला मैदान में राजस्थानी लोक खेलों की प्रतियोगिताओं के तहत महिलाओं की चम्मच रेस काफी मनोरंजक रही। इस अनूठी प्रतियोगिता में कुल 15 महिलाओं ने भाग लिया जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल थी। चम्मच में नींबू रख कर सभी को पुष्कर के रेतीले धोरों में दौड़ाया गया। अजमेर जिले की भिनाय पंचायत की प्रियंका व सुमन इस चम्मच रेस में प्रथम रहीं। दूसरे स्थान पर रेखा खां तथा तीसरे स्थान पर अमेरिका की निकोलस नामक महिला पर्यटक रही।
पगड़ी जीती, विदेशी हारे
मेला मैदान में देशी एवं विदेशी पुरूष पर्यटकों के बीच रस्साकशी प्रतियोगिता आकर्षक एवं रोचक रही। इस प्रतियोगिता में 10 विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया तथा 11 देशी खिलाड़ी थे। राजस्थानी साफा बांधे, धोती पहने खिलाड़ियों ने विदेशी पर्यटकों के साथ एक लंबी रस्सी खींचने की प्रतियोगिता खेली। इस जोर भरे आयोजन में विदेशी पर्यटक सफल नहीं हो पाए तथा देशी खिलाड़ियों की जीत हुई।
मटके सिरधर दौड़ीं विदेशी बालाएं पुष्कर के मेला मैदान में आधा जल से भरा मिट्टी का घड़ा लेकर युवतियां रेतीले धोरों में दौड़ पड़ी। मटका रेस की अनूठी प्रतियोगिता में कुल 13 महिलाओं ने भाग लिया जिनमें 3 विदेशी महिला पर्यटक भी थीं। पहले स्थान पर अजमेर जिले की भिनाय पंचायत की ममता वह दूसरे स्थान पर इसी पंचायत की सीमा देवी रही। तीसरे स्थान पर पूजा रही।
सम्मानित भी किया समापन समारोह संभागीय आयुक्त बी.एस. मेहरा के मुख्य आतिथ्य तथा जिला कलक्टर अंशदीप, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट की अध्यक्षता व एडीए आयुक्त अक्षय गोदारा, अतिरिक्त कलक्टर कैलाश चंद शर्मा की मौजूदगी में किया गया। समारोह में विधायक सुरेश सिंह रावत के साथ अतिथियों ने मेले की व्यवस्था में सहयोगी अधिकारियों, कर्मचारियों को मोमेन्टों व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कई लोक कलाकार भी सम्मानित किए गए। मेला मजिस्टे्ट सुखाराम पिंडेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
