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Free Loan Urban Unemployed Youth Will Be Able To Take 50 Thousand – big news प्रदेश के बेरोजगारों के लिए बड़ी खबर: मिलेगा ब्याज मुक्त लोन, कैसे जानें

breaking news jaipur : सीएम ने ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ के प्रारूप को दी मंजूरी

 

– शहरी बेरोजगार युवा स्वरोजगार के लिए बिना ब्याज ले सकेंगे 50 हजार

– निगम क्षेत्र के थड़ी-ठेले वाले व दिहाड़ी काम करने वाले जरूरतमंद भी ले सकेंगे ये राशि

जयपुर। बेरोजगार युवा स्वरोजगार के लिए और थड़ी-ठेला लगाने वाले जरूरत मंद खुद के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 50 हजार रुपए बिना ब्याज के ले सकेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेण्डर्स तथा सर्विस सेक्टर के युवाओं एवं बेरोजगारों को स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना-2021’ के प्रारूप को मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री ने कोरोना को देखते हुए शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए इस वर्ष के बजट में ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ लागू करने की घोषणा की थी। सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में अब ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ संबल देगी।

बिना गारंटी सालभर के लिए मिलेगी राशि
योजना एक वर्ष के लिए लागू रहेगी और 31 मार्च, 2022 तक नए ऋण स्वीकृत किए जा सकेंगे। लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के एक साल के लिए 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा। योजना का क्रियान्वयन स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से किया जाएगा। ऋण के मोरेटोरियम की अवधि 3 माह तथा ऋण पुनर्भुगतान की अवधि 12 माह होगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समीक्षा के लिए जिला कलक्टर नोडल अधिकारी होंगे।

शहरी क्षेत्र के 5 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
योजना का लाभ नगरपालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम की सीमा में रह रहे 5 लाख लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा।

एससी, एसटी एवं ओबीसी के लिए
शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए अनुसूचित जाति निगम की ओर से योजना का लाभ दिलवाया जाएगा।

कौन-कौन ले सकेगा राशि
स्ट्रीट वेण्डर्स, हेयर ड्रेसर, रिक्शा चालक, लकड़ी का काम करने वाले, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, चप्पल-जूते ठीक करने वाले, निर्माण कार्य में लगे मजदूर, कपड़े सिलने वाले, कपड़े धोने वाले, रंगाई-पुताई करने वाले, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर सहित असंगठित क्षेत्र के अन्य लोग एवं बेरोजगार युवा।

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