पथरीली जमीन पर कमाई का सुनहरा अवसर – हिंदी

Last Updated:May 21, 2025, 17:19 IST
ड्रैगन फ्रूट की खेती कम पानी और खराब मिट्टी में भी सफल है. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में किसान इसे उगा रहे हैं. यह फल औषधीय गुणों के कारण लोकप्रिय है और 150-250 रु/किलो बिकता है.
अगर आपके पास भी पथरीली या कम उपजाऊ जमीन है और आप खेती के जरिए अच्छी आमदनी करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद हो सकती है. इन दिनों देशभर में ड्रैगन फ्रूट की खेती तेजी से बढ़ रही है. कम पानी, कम देखरेख और खराब मिट्टी में भी आसानी से पनपने वाला यह विदेशी फल अब भारतीय किसानों के लिए कमाई का बेहतर जरिया बनता जा रहा है.
ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से दक्षिण अमेरिका का फल है, लेकिन अब भारत के कई राज्यों में इसकी सफल खेती की जा रही है. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान अब इसे बड़े पैमाने पर उगा रहे हैं. यह फल अपनी औषधीय गुणों और बाजार में बढ़ती मांग के कारण बेहद लोकप्रिय हो गया है.
विशेषज्ञों के अनुसार ड्रैगन फ्रूट की खेती पथरीली और कम उपजाऊ जमीन में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है. इसकी बेलनुमा संरचना के लिए खंभों की जरूरत होती है, जिसे सीमेंट के खंभों या बांस की मदद से तैयार किया जा सकता है. एक एकड़ खेत में करीब 1700 पौधे लगाए जा सकते हैं, और एक पौधा 20 से 25 वर्षों तक फल देता है.
ड्रैगन फ्रूट में विटामिन C, कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं. यह मधुमेह, हृदय रोग और त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है. यही कारण है कि बाजार में इसकी कीमत 150 से 250 रुपये प्रति किलो तक रहती है.
एक बार पौधा लगाने के बाद इसमें देखरेख कम करनी पड़ती है और सिंचाई भी टपक विधि से की जा सकती है. एक एकड़ खेत से सालाना 6 से 8 लाख रुपये तक की आमदनी संभव है.
अगर आप भी परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करना चाहते हैं और पथरीली जमीन का सही उपयोग करना चाहते हैं, तो ड्रैगन फ्रूट की खेती आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है. सरकारी सब्सिडी और प्रशिक्षण की सुविधा भी अब कई राज्यों में उपलब्ध है.
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