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Sudan Crisis Latest Update Mass Killings El Fasher After RSF Take Over | सूडान का अल फाशेर बना मौत का शहर! UN का दावा- आरएसएफ के कब्जे के बाद 36,000 लोग जान बचाकर भागे

Sudan News: सूडान के अल फाशेर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. आरएसएफ यानी रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने जब से इस रणनीतिक शहर पर कब्जा किया है, तब से लोग दहशत में अपने घर छोड़ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की माइग्रेशन एजेंसी के मुताबिक, 26 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच सूडान के कोरडोफान इलाके से 36,825 से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं. अल फाशेर, दारफुर और राजधानी खार्तूम के बीच का अहम इलाका है, जो देश के सैन्य नियंत्रण की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. पिछले कई महीनों से यहां सूडानी सशस्त्र बल (SAF) और आरएसएफ के बीच खूनी संघर्ष जारी है. अब यह इलाका पूरी तरह गृहयुद्ध का केंद्र बन गया है.

यूएन की रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर लोग पैदल ही अल फाशेर के पश्चिम में स्थित तवीला की ओर निकले हैं. वहां पहले से ही 6.5 लाख से ज्यादा विस्थापित रह रहे हैं. ऐसे में नई आबादी के आने से हालात और बेकाबू हो सकते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उत्तरी कोरडोफान के कस्बों और गांवों में सेना और आरएसएफ दोनों की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है.

आरएसएफ ने दावा किया है कि उसने बारा शहर पर भी कब्जा कर लिया है. यह वही इलाका है जो अल ओबेद के उत्तर में स्थित है, जहां सूडान की सेना का अहम लॉजिस्टिक बेस और एयरपोर्ट है. सोशल मीडिया पर आरएसएफ के वीडियो सामने आए हैं जिनमें उनके लड़ाके कहते दिख रहे हैं, ‘आज हमारी पूरी फोर्स बारा फ्रंट पर जुट चुकी है.’

सूडान में नरसंहार! UN एजेंसी ने चेताया

यूएन की अफ्रीका मामलों की सहायक महासचिव मार्था पोबी ने चेतावनी दी है कि बारा और अल फाशेर में आरएसएफ द्वारा ‘बड़े पैमाने पर अत्याचार’ किए जा रहे हैं. उन्होंने इसे दारफुर नरसंहार जैसी स्थिति बताते हुए कहा कि यहां जातीय आधार पर हिंसा, यौन उत्पीड़न और हत्याओं के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं. अकेले अक्टूबर महीने में ‘सऊदी मैटरनिटी हॉस्पिटल’ पर पांच बार हमला हुआ है. छह हेल्थ वर्कर्स, जिनमें चार डॉक्टर, एक नर्स और एक फार्मासिस्ट शामिल हैं, अगवा कर लिए गए हैं. डब्ल्यूएचओ की ह्यूमैनिटेरियन यूनिट की प्रमुख डॉ. टेरेसा जकारिया ने कहा कि संगठन अब उन लोगों की भी मदद नहीं कर पा रहा जो सीधे इस हिंसा से प्रभावित हैं.

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सूडान में अब तक 189 हमलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 1,670 लोगों की मौत और 419 घायल हुए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन मौतों में से 86% सिर्फ इस साल हुई हैं, जो बताती हैं कि हिंसा अब और भी ज्यादा घातक हो चुकी है.

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