आखिर क्या मजबूरी रही इन किसानों की जो खेती छोड़ दूध और मजदूरी कर परिवार पालने को हुए मजबूर

पाली. किसान जब अपने खेतों में फसलों के बीज डालते हैं तो आसमान की तरफ टकटकी लगाकर भगवान इंद्रदेव से अच्छी बारिश की कामना करते हैं मगर पाली जिले के ऐसे सैंकडों किसान हैं जिनसे इसी बारिश ने उनसे उनकी खुशिया छीन ली है. इन किसानों के लिए अच्छी बरसात किसी अभिशाप से कम नहीं है.
बरसाती पानी लगातार खेतों में भरा रहने से हजारों बीघा भूमि खराब हो चुकी है. जहां कभी हरी-हरी फसलें लहराती थी, आज उनके खेतों की स्थिति यह है कि घास तक नहीं उगती. ऐसे में सैकड़ों किसानों को खेती छोड़ दूसरा काम देखना पड़ रहा है ताकि अपना घर खर्च चला सके. पाली जिले के रोहट क्षेत्र के खुटाणी गांव के पास लगातार पिछले कई सालों से बरसाती पानी भरने से जमीन खारच होने से खराब हो गई. अब यहां फसल तो क्या किसी तरह की घास तक नही उग रही.
इसलिए खराब हो गई किसानों की जमीनमामला पाली जिले के रोहट तहसील के खुटाणी गांव के पास का है. अच्छी बरसात के दौरान आस-पास के गांवों के खेतों से होते हुए बरसाती पानी यहां आकर करीब पांच-छह किलोमीटर क्षेत्र में किसानों के खेतों में भर जाता है. ऐसे में खुटाणी, लाम्बड़ा, भीलों की ढाणी, पुखतारी, गेलावास, पांचपदरिया गांव के करीब 200 किसान परिवार अपने ही खेतों में फसल बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. निकासी की व्यवस्था नहीं होने से पिछले करीब 25-30 सालों से यह समस्या बनी हुई है. जब भी अच्छी बरसात होती है.
200 किसानों पर संकट के बादलयहां के करीब 200 किसानों के खेत बरसाती पानी से लबालब भर जाते है. निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यह पानी पूरे साल भरा रहता है. लगातार पानी भरा रहने से यहां भी भूमि खारच (लवणीय) हो चुकी है. ऐसे में पानी सूख भी जाता है तो वहां सफेद-सफेद खारच साफ नजर आती है. खारच के कारण किसानों की हजारों बीघा भूमि खराब हो चुकी है.
अफसरों से भी लगा चुके गुहारकिसान कई सालों से जिले के बड़े अफसरों के चक्कर काट-काट कर मांग कर चुके है कि बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन बिछाई जाए. जिससे उनके खेतों से इस पानी की निकासी नदी तक की जा सके और आस-पास के और खेत सेज के कारण खराब होने से बच सके. लेकिन इन किसानों की पीड़ा को दूर करने के लिए प्रशासन ने अभी तक सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया. ऐसे में किसानों को खेती छोड़ दूसरा काम करना पड़ रहा है.
कोई किसान बेच रहा दूध तो कोई कर रहा मजदूरीकिसान भगाराम की मानें तो उनकी 20 बीघा जमीन पर बरसाती पानी पूरे साल भरा रहता है. ऐसे भूमि खारच हो गई. स्थिति यह है कि अब यहां घास तक नहीं उगती. थक हार कर अपना घर चलाने के लिए दूध बेचने का काम शुरू किया है. वहीं खुटाणी गांव के ही रहने वाले किसान भीकाराम बताते है कि बरसाती पानी लम्बे समय तक भरा रहने के कारण उनकी 50 बीघा जमीन खराब हो चुकी हैं. घर चलाने के लिए मजदूरी करने को मजबूर है. सालों से यह समस्या बनी हुई है लेकिन समाधान अभी तक नहीं हो सका.
पाइप लाइन बिछाकर किया जाए यह काम तो हो जाएगा समाधानकिसानों को आखिरकार इस परेशानी से किस तरह बाहर निकाला जा सकता है उसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मदनसिंह जागरवाल बताते है कि करीब पांच किलोमीटर दूर ही बांडी नदी है. वहां तक पाइप लाइन बिछाकर इस पानी की निकासी नदी में की जाए तो सैकड़ों किसान परिवारों को राहत मिलेगी और अन्य किसानों के खेत बंजर होने से बच जाएंगे. प्रशासन को कई लिखित में शिकायत दे चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 15:53 IST