Rajasthan

पाली के बांगड अस्पताल में आई दो खास मशीनें, स्टूडेंट्स लेप्रोस्कोपी सर्जरी में हासिल कर सकेंगे महारथ

Last Updated:February 28, 2025, 14:29 IST

बांगड़ अस्पताल के अधीक्षक डॉ एचएम चौधरी की माने तो नागा बाबा बगेची के महंत सुरेश गिरी के पेट में चाकू के वार से दो गहरे घाव हो गए थे. जिनका सफल ऑपरेशन बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर्स ने किया. इस पर नागा बाबा बगेची की …और पढ़ेंX
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डेमो मशीन से यह स्टूडेंट्स अब लेप्रोस्कोपी सर्जरी में एक्सपर्ट बन सकेंगे

मेडिकल सुविधाओं के विस्तार के साथ बात करे तो पाली का बांगड अस्पताल भी हाईटेक सुविधाओं से लैस होता जा रहा है. उसी आधुनिक सुविधाओं के बीच अब दो डेमो मशीन बांगड अस्पताल को मिल चुकी है. जिसका फायदा यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स को मिलने वाला है. इस डेमो मशीन से यह स्टूडेंट्स अब लेप्रोस्कोपी सर्जरी में एक्सपर्ट बन सकेंगे. भामाशाह के सहयोग से यह दो मशीने बांगड अस्पताल को मिली है. इस मशीन के आने से अब स्टूडेंट मरीज के बजाय पहले इस मशीन पर लेप्रोस्कोपी सर्जरी करना सिखेंगे. जिससे उनकी प्रेक्टिस होने के साथ ही मरीज का बेहतर ऑपरेशन कर पाएंगे.

पाली के बांगड़ अस्पताल से पीजी कर रहे मेडिकल स्टूडेंट अब डेमो मशीन पर प्रेक्टिस कर लेप्रोस्कोपी सर्जरी में एक्सपर्ट बनेंगे. डेमो मशीन के आने से मेडिकल स्टूडेंट मरीज की बजाय पहले इस मशीन पर लेप्रोस्कोपी सर्जरी करना सिखेंगे. इसकी उनकी प्रेक्टिस होगी और वे मरीज का बेहतर ऑपरेशन कर सकेंगे. यह पाली के बांगड अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए किसी वरदान से कम नही है.

इन्होंने की भेंटबांगड़ अस्पताल के अधीक्षक डॉ एचएम चौधरी की माने तो नागा बाबा बगेची के महंत सुरेश गिरी के पेट में चाकू के वार से दो गहरे घाव हो गए थे. जिनका सफल ऑपरेशन बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर्स ने किया. इस पर नागा बाबा बगेची की ओर से बांगड़ अस्पताल को 2 डेमो मशीन भेंट की गई है. जो पेट के आकार की है. इस मशीन के आने से पीजी स्टूडेंट लेप्रोस्कोपी सर्जरी करने में एक्सपर्ट बन सकेंगे. इस दौरान नागा बाबा बगेची की तरफ से जवान सिंह, कानसिंह राणावत मौजूद रहे. वहीं डॉ. शारदा तोषनीवाल, डॉ. मोहनलाल चौधरी, डॉ. मनीष चौधरी, डॉ. अनिल विश्नोई, डॉ. दिनेश सोलंकी आदि भी मौजूद रहे.

इन्होने की यह मशीन भेंटबांगड़ अस्पताल के सर्जन एमएल लोहिया ने बताया- लेप्रोस्कोपी एक प्रकार से की-होल सर्जरी है. यदि की-होल सर्जरी करवाते हैं तो सर्जन त्वचा और अन्य उतकों में से गुजरने के लिए केवल छोटे चीरे (कट) का उपयोग करता है. ‘की-होल सर्जरी’ ओपन सर्जरी से अलग है, जहां आम तौर पर एक बड़ा कट लगाया जाता है. लेप्रोस्कोपी का उपयोग मरीज के अंगों का निरीक्षण करने और उन पर ऑपरेशन करने के लिए किया जाता है.

यह इसका उपयोग और फायदेलेप्रोस्कोपी का उपयोग आंतरिक अंगों को देखकर या बायोप्सी लेकर निदान के लिए किया जा सकता है. इसका उपयोग एक ही समय में शल्य चिकित्सा द्वारा किसी समस्या का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है. बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर प्रभुदयाल ने ने कहा कि पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के कई फायदे हैं. बहुत छोटे निशान बॉडी पर होते है. मरीज को दर्द कम होता है साथ ही अधिक तेजी से सुधार होता है और अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ता है.


First Published :

February 28, 2025, 14:29 IST

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बांगड अस्पताल में आई खास मशीने,स्टूडेंट सर्जरी में महारथ कर सकेंगे हासिल

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