Rajasthan
Government kind on mobile and cable operators, reduced the fee | मोबाइल और केबल operators पर मेहरबान सरकार
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जयपुर
Published: February 01, 2022 11:05:35 pm
जयपुर। विद्युत वितरण कंपनियों के बाद अब नगरीय विकास विभाग भी मोबाइल और केबल आॅपरेटर्स पर मेहरबान हो गया है। विभाग ने केबल के लिए रोड लाइट पोल के उपयोग और भूमिगत केबल के लिए मेनहोल बनाने से जुड़े शुल्क में कमी कर दी है। इसके पीछे टेलीकॉम सेवाओं को आमजन की मूलभूत सुविधाओं में मानने का तर्क दिया है। इसके तहत अब कंपनियों को किराया शुल्क के रूप में 1500 रुपए प्रति पोल 1000 रुपए ही देने होंगे। इसी तरह भूमिगत केबल के मेनहोल या चैम्बर बनाने पर जिला मुख्यालय पर 2 हजार रुपए और बाकी शहरों में 1 हजार रुपए प्रति मेनहोल शुल्क लिया जाएगा। जबकि, अभी तक संबंधित इलाके की डीएलसी दर के 10 प्रतिशत के आधार पर शुल्क की गणना की जाती रही है। नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
यहां भी शुल्क की कमी
मोबाइल और केबल operators पर मेहरबान सरकार
विद्युत वितरण कंपनियों ने भी आॅप्टिकल फाइबर, कोएक्सल टीवी केबल, कम्यूनिकेशन केबल के लिए शुल्क में कमी कर चुकी है। 500 पोल तक के लिए 5 लाख रुपए सालाना (हर सर्किल के लिए) फिक्स कर दिएहैं। इससे ज्यादा बिजली पोल उपयोग करने पर पांच लाख के अतिरिक्त एक हजार रुपए प्रति पोल अलग से शुल्क लेना तय किया गया है।
अटके एनओसी के मामले, आंकड़ों में गफलत
पॉलिसी से जुड़े मुद्दों के कारण भी एनओसी अटकी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोबाइल टावर एनओसी के 3500 मामले लंबित बताए जा रहे हैं। हालांकि, आॅपरेटर्स इनकी संख्या करीब 900 बता रहे हैं। इस आंकड़े में गफलत ने भी परेशानी बढ़ा रखी है। पिछले दिनों हुई राज्य स्तरीय ब्रॉडबैंड कमेटी की बैठक में भी यह मामला गरमा चुका है। तत्कालीन मुख्य सचिव लगातार राज्य में मोबाइल, ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत जताते रहे।
पॉलिसी से जुड़े मुद्दों के कारण भी एनओसी अटकी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मोबाइल टावर एनओसी के 3500 मामले लंबित बताए जा रहे हैं। हालांकि, आॅपरेटर्स इनकी संख्या करीब 900 बता रहे हैं। इस आंकड़े में गफलत ने भी परेशानी बढ़ा रखी है। पिछले दिनों हुई राज्य स्तरीय ब्रॉडबैंड कमेटी की बैठक में भी यह मामला गरमा चुका है। तत्कालीन मुख्य सचिव लगातार राज्य में मोबाइल, ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत जताते रहे।
ज्यादा बैंडविथ के लिए बढ़ा रहे टॉवर का दायरा
-5जी के 200 मीटर दायरे में टॉवर लगेंगे यानि इनकी संख्या बढ़ेगी
-4जी के 400 से 800 मीटर दायरे में हैं टॉवर
(बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट उतना तेज चलेगा। मौजूदा 2जी, 3जी व 4जी के मुकाबले 5जी में ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध होगी)
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