इन कर्मचारियों से सरकार नाखुश, समय से पहले रिटायर करने की तैयारी, केंद्र ने मंत्रालयों को दिए निर्देश
नई दिल्ली, मोदी सरकार ने लापरवाह कर्मचारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. निर्देशों का समय पर पालन न होने से नाखुश केंद्र ने सभी मंत्रालयों से कर्मचारियों के कामकाज की समय पर समीक्षा करने को कहा है ताकि खराब प्रदर्शन करने वालों को समय से पहले रिटायर किया जा सके.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने एक आदेश में संबंधित मंत्रालयों से कहा कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU), बैंकों, स्वायत्त संस्थानों और सांविधिक निकायों को कर्मचारियों की समीक्षा करने का निर्देश दें. आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन से यह पता लगाया जाए कि उनका काम सही है या नहीं. अगर वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें समय से पहले रिटायर किया जाए.
सभी केंद्रीय सरकारी विभागों के सचिवों को यह आदेश जारी किया गया है. कहा गया है कि प्रशासनिक मंत्रालय और विभाग इसका पालन करें और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट डीओपीटी में पेश करें. निर्देश में कहा गया है, पता चला है कि कुछ मंत्रालयों के विभागों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इससे मूल नियमों (एफआर)-56 (जे)/(आई) और केंद्रीय सिविल सेवा के नियम 48 या सीसीएस (पेंशन) नियमों (अब, सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 42 के रूप में संशोधित) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने में देरी हो रही है.
ये नियम सरकारी कर्मचारियों की समीक्षा और उनके जबरन रिटायरमेंट की नीति तय करते हैं. इससे सरकारी कामकाज में गति आती है. डीओपीटी ने 27 जून के अपने आदेश में कहा, मंत्रालयों/विभागों से कहा गया है वे मूल/पेंशन नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए कर्मचारियों की तत्काल पहचान करें. इन कर्मचारियों की समीक्षा कर रिपोर्ट तुरंत शेयर की जाए. इसके मुताबिक, सभी मंत्रालयों और विभागों को जुलाई से हर महीने की 15 तारीख तक रिपोर्ट देने को कहा गया है.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 01:58 IST