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उदयपुर में घायल दुर्लभ गिद्ध! तारों में फंसा, मौत करीब थी… फिर जो हुआ, चौंका देगी पूरी घटना

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 14, 2025, 17:22 IST

इजिप्शियन वल्चर भारत में बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है. यह आमतौर पर मध्य एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. कुछ गिद्ध सर्दियों के मौसम में प्रवास के दौरान भारत के कुछ हिस्सों में देखे…और पढ़ेंX
इजिप्शियन
इजिप्शियन वल्चर

हाइलाइट्स

उदयपुर में घायल इजिप्शियन वल्चर का रेस्क्यू किया गया.इलाज के बाद गिद्ध को बर्ड पार्क में छोड़ा गया.प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए जागरूकता जरूरी.

उदयपुर:- उदयपुर शहर के जोगी तालाब क्षेत्र में एक इजिप्शियन वल्चर (मिस्र गिद्ध) घायल अवस्था में पाया गया. यह गिद्ध तारों में फंसने से घायल हो गया था, जिसके बाद स्थानीय एनिमल रेस्क्यू टीम के धर्मेंद्र ने इसे सुरक्षित निकालकर उपचार के लिए एमबी अस्पताल के पशु चिकित्सा विभाग में भर्ती कराया. एमबी अस्पताल में विशेषज्ञों द्वारा गिद्ध का इलाज और देखभाल की गई. उपचार के बाद इसे पूरी तरह स्वस्थ होने पर उदयपुर बर्ड पार्क में छोड़ दिया गया. एनिमल रेस्क्यू टीम के धर्मेंद्र ने लोकल 18 को बताया कि इजिप्शियन वल्चर भारत में बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है. यह आमतौर पर मध्य एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. कुछ गिद्ध सर्दियों के मौसम में प्रवास के दौरान भारत के कुछ हिस्सों में देखे जाते हैं, संभवतः यह गिद्ध भी उदयपुर के आसपास आए विदेशी पक्षियों में से एक होगा.

विदेशी प्रवासी पक्षियों का उदयपुर में आगमनहर साल सर्दियों के मौसम में उदयपुर और उसके आसपास की झीलों, तालाबों और जंगलों में विदेशी प्रवासी पक्षी आते हैं. इस साल भी कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी यहां देखे जा रहे हैं. जोगी तालाब क्षेत्र और उदयसागर झील के आसपास फ्लेमिंगो, ग्रेहेडेड स्वैम्पहेन, बार-हेडेड गीज़ और ओस्प्रे जैसी प्रजातियां नजर आई हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में गिद्धों की संख्या पिछले कुछ दशकों में तेजी से घट रही है.

पर्यावरणीय बदलाव, भोजन की कमी और मानव गतिविधियों के कारण इनकी आबादी प्रभावित हुई है. खासतौर पर इजिप्शियन वल्चर जैसे दुर्लभ गिद्ध बहुत कम देखने को मिलते हैं. इस तरह के रेस्क्यू अभियान न केवल पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि जैव विविधता को बनाए रखने में भी मददगार साबित होते हैं.

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प्राकृतिक संरक्षण और जागरूकता की जरूरतवन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए स्थानीय समुदाय और प्रशासन को मिलकर प्रयास करने होंगे. इसके लिए जंगलों और जलाशयों के आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा, तारों और अन्य बाधाओं को कम करना तथा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना जरूरी है. यह गिद्ध अब बर्ड पार्क में सुरक्षित है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. यदि कहीं कोई घायल पक्षी नजर आए, तो तुरंत वन विभाग या एनिमल रेस्क्यू टीम को सूचित किया जाना चाहिए.


Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

February 14, 2025, 17:22 IST

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उदयपुर में घायल दुर्लभ गिद्ध! तारों में फंसा, मौत करीब थी…जानें फिर क्या हुआ

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