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greater nagar nigam sparrow amazon news | ग्रेटर निगम: 10 लाख बकाया होने पर अमेजन का कार्यालय सील

नगरीय विकास कर की वसूली पर सख्ती, तीन विवाह स्थलों को भी किया सील

जयपुर

Published: January 19, 2022 09:40:40 pm

जयपुर। ग्रेटर नगर निगम ने बुधवार को नगरीय विकास कर बकाया होने पर अमेजन के कार्यालय सील कर दिया। निवारू रोड स्थित कार्यालय पर 10.21 लाख रुपए बकाया थे। मुरलीपुरा जोन उपायुक्त संतोष गोयल ने बताया कि कई बार नोटिस देने के बाद भी यूडी टैक्स जमा नहीं करवाया जा रहा था। हालांकि, कार्रवाई के बाद मौके पर ही बकाया राशि को जमा करवा दिया। इसके बाद सील खोल दी गई।
वहीं, ओम शिव महिमा मैरिज गार्डन, जौहरी कुंज तथा ईदांता मैरिज गार्डन को भी निगम की टीम ने सील किया। मौके पर ईदांता मैरिज गार्डन संचालक ने बकाया छह लाख रुपए जमा करवा दिए। उसकी सील खोल दी।

ग्रेटर निगम: 10 लाख बकाया होने पर अमेजन का कार्यालय सील

ग्रेटर निगम: 10 लाख बकाया होने पर अमेजन का कार्यालय सील

निगम को मिला 47 लाख का बकाया राजस्व
राजस्व अधिकारी देवानंद शर्मा ने बताया कि इस कार्रवाई में निगम को करीब 47 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ। केसी डेकोर भवन स्वामी ने मौके पर ही 30.83 लाख रुपए जमा करवाए। वहीं अमेजन ने 10.21 लाख और ईंदाता मैरिज गार्डन संचालक की ओर से छह लाख रुपए जमा करवाए गए।

बड़े बकाएदारों पर सख्ती
इस वित्तीय वर्ष के अंत तक दोनों शहरी सरकारें करीब 60 करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 40 करोड़ रुपए दोनों निगम वसूल कर चुके हैं। राजस्व शाखा के अधिकारियों की मानें तो 75 करोड़ रुपए का लक्ष्य कम्पनी को दिया गया है, लेकिन 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

10 हजार से अधिक लोग
हाल ही में दोनों नगर निगमों के साथ नगरीय विकास कर वसूल करने वाली कम्पनी स्पैरो के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इसमें साफ कर दिया कि बड़े बकाएदारों पर सख्ती अपनाते हुए वसूली की जाए। जोन वाइन बड़े बकाएदारों की सूची तैयार करवाई जा रही है। इसमें एक से तीन लाख, दूसरे चरण में तीन से पांच और तीसरे चरण में पांच से 10 लाख और उसके बाद 10 लाख से अधिक टैक्स बकाएदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

इधर ये हाल…कम्पनी नहीं दे पा रही सर्वे को गति
जिस स्पैरो कम्पनी को निगम ने सर्वे से लेकर नगरीय विकास कर वसूली का काम दिया था। कम्पनी को एक वर्ष से अधिक काम करते हुए हो गया, लेकिन अब तक सर्वे का काम गति नहीं पकड़ पाया है। अब तक कम्पनी ग्रेटर नगर निगम में 1.5 लाख और हैरिटेज नगर निगम में 71 हजार का ही सर्वे कर पाई है। जबकि, कम्पनी को पहले वित्तीय वर्ष में 3.60 सर्वे करने थे।

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