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घर के कोने में उगाइए ये कांटेदार पौधा, खून की कमी से लेकर आर्थराइटिस तक सब करेगा फिक्स, जानें फायदें

Last Updated:May 12, 2025, 17:28 IST

Benefit of Cactus: माउंट आबू के नागफनी पौधे का आयुर्वेद में महत्व है. वैद्य दामोदर प्रसाद के अनुसार, यह आंखों की सूजन, अर्थराइटिस, खांसी, कब्ज और ल्यूकोरिया में लाभकारी है.

जिले के माउंट आबू वन क्षेत्र में कई दुर्लभ प्रजाति के आयुर्वेदिक महत्व वाले पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं. इन्हीं में से एक पौधा है नागफनी. इस कांटेदार पौधे में ऊपर एक सुंदर फूल लगता है. इसमें से कांटे हटाकर तने और फल का उपयोग किया जाता है.

आयुर्वेद में इस पौधे को काफी फायदेमंद माना गया है. ये पौधा पानी के अभाव वाली सूखी जगह में भी उग जाता है. नागफनी के आयुर्वेदिक महत्व के बारे में सेवानिवृत्त जिला आयुर्वेद अधिकारी सिरोही और 40 साल से आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य कर रहे वैद्य दामोदर प्रसाद चतुर्वेदी ने लोकल 18 को जानकारी दी.

वैध चतुर्वेदी ने बताया कि नागफनी को आयुर्वेद में कटक के नाम से जाना जाता है. इसका पत्ता नाग के फन की तरह होता है, इस वजह से इसे नागफनी कहा जाता है. इसके ऊपर काफी कांटे होते हैं. जिनकी लंबाई 1-1.5 इंच तक होती है. पहले के जमाने में इन कांटो का उपयोग कर्ण छेदन में भी किया जाता था. इससे कान छेदने से अंदर सूजन या मवाद नहीं बनता था.

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि नागफनी आंखों में सूजन और पैर में अर्थराइटिस की तकलीफ को दूर करने में फायदेमंद होता है. नागफनी के तने के गूदे को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों के अनेक रोग ठीक होते हैं. खांसी, कब्ज और खून की कमी होने पर यह काफी फायदेमंद होता है.

नागफनी के फल के 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से सफेद प्रदर यानी ल्यूकोरिया रोग में लाभ होता है. नागफनी में एंटीसेप्टिक के साथ-साथ एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. नागफनी के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर जोड़ों पर लगाने से जोड़ों में हुई सूजन खत्म होती है. साथ ही जोड़ो में होने वाली जलन और दर्द में भी आराम मिलता है.

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ये कांटेदार पौधा नहीं है आम, खून की कमी, आंखों की सूजन और दर्द तक कारगर, जानें

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