ये छुटकू सा फल है बड़ा ताकतवर, गुणों की खान, खाते ही 1 घंटे में बुखार हो कम

Last Updated:March 07, 2025, 15:39 IST
मकोय, जिसे भटकोइंया भी कहते हैं, बुखार, त्वचा समस्याओं, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. आयुर्वेद में इसे त्रिदोष संतुलित करने वाला मान…और पढ़ें
मकोय की पत्तियों का काढ़ा पीने से पीलिया रोगियों के लिए रामबाण साबित होता है.
हाइलाइट्स
मकोय बुखार और त्वचा समस्याओं में राहत देता है.इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं.मकोय पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
Makoy plant benefits: क्या आपने कभी मकोय खाया है या इसका नाम सुना है? यह साइज में तो बहुत ही छोटा गोल-मटोल सा होता है, जिसे देखकर लगता है जैसे ये टमाटर का छोटा सा वर्जन हो. हालांकि, टमाटर से ये पूरी तरह से ही अलग होता है. स्वाद, गुण, साइज और फायदों में. मकोय के कई नाम हैं जैसे भटकोइंया, काकमाची, ब्लैक नाइटशेड, पॉयजन बेरी आदि. मकोय का पौधा बहुत ही छोटा सा होता है. यह कहीं भी पार्क, मैदान, रोड साइड, जगंल, खेत आदि में आपको नजर आ जाएगा. मकोय में कई सेहत लाभ छिपे होते हैं, लेकिन इसे लोग बेकार समझते हैं. इसका आयुर्वेद में भी काफी अधिक महत्व बताया गया है. चलिए जानते हैं मकोय यानी भटकोइंया खाने के फायदों के बारे में यहां.
मकोय के फायदे (Makoy ke fayde)
-मकोय के अद्वितीय गुण बुखार से लेकर त्वचा से जुड़ी समस्याओं में राहत दिला सकते हैं. मकोय का वानस्पतिक नाम सोलेनम निग्रुम (Solanum nigrum) है. मकोय का इस्तेमाल आयुर्वेद में एक असरदार औषधि के रूप में किया जाता है. इसके फल, पत्ते और जड़ सभी किसी न किसी रोग का इलाज करने के काम आती हैं.
-मकोय या भटकोइंया में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की अनेक समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. आयुर्वेद में इसे त्रिदोष को संतुलित करने वाला कहा गया है.
– यह छुटकू सा फल पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. बुखार, ज्वाइंट के दर्द, सांस संबंधी समस्याओं, पीलिया, मुंह के छालों और अन्य विकारों के इलाज में मदद करता है.
– यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं है और आप जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं. आपके घर के आसपास यदि यह कहीं झाड़ियों में उगा दिख जाए तो मकोय के काले-काले छोटे से टमाटर जैसे दिखने वाले फल को जरूर तोड़ लें. कई सामान्य बीमारियों से बचाता है.
-इसमें मौजूद केमिकल्स शरीर के विषाक्त पदार्थों को नष्ट करते हैं. एजिंग प्रॉसेस को धीमा करते हैं. सुश्रुत संहिता में मकोय की जड़ों को शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना गया है. इसे त्रिदोष के संतुलन के लिए उपयोगी बताया गया है.
-शोधों में ये भी पाया गया है कि मकोय के फल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को हानिकारक तत्वों से बचाते हैं. इसके अलावा, इसमें ऐसे गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने और शरीर के प्राकृतिक उपचार प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.
-बुखार और छाले जैसी समस्याओं में मकोई का सेवन तुरंत राहत प्रदान करता है. दादी मां के नुस्खों की पोटली में खास जगह है भटकोइंया की. बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि बुखार के दौरान मकोय का सेवन किया जाए, तो मात्र एक घंटे में बुखार छूमंतर हो सकता है.
– इसके पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं. पेट से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिलती है. इसके एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण स्किन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करते हैं. दाग-धब्बे या सनबर्न से परेशान हैं तो मकोय का फेस पैक आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है.
-आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, मकोय की पत्तियों का काढ़ा पीने से पीलिया रोगियों के लिए रामबाण साबित होता है. शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं.
इनपुट-आईएएनएस
First Published :
March 07, 2025, 15:39 IST
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ये छुटकू सा फल है बड़ा ताकतवर, गुणों की खान, खाते ही 1 घंटे में बुखार हो कम