केमिकल ने कहीं खेत तो नहीं कर दिया खराब? अभी करा लें मिट्टी की जांच, यही है सही टाइम

रविन्द्र कुमार/झुंझुनूं. जून-जुलाई में खरीफ की फसल की बुवाई होनी है. उससे पहले किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवा कर उर्वरता जान सकते हैं. लगातार बढ़ रहे रसायनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वर क्षमता कम होती जा रही है. इससे बचने के लिए मिट्टी जांच जरूरी है. मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में अनुसंधान अधिकारी मुकेश चाहर ने लोकल18 को बताया कि सरकार मिट्टी परीक्षण के लिए मुहिम चलाती है. पिछले साल जिले में 16500 सैंपलों की जांच की गई. इसी कड़ी में इस बार लगभग 22000 सैंपलों की जांच कर सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने का जिम्मा विभाग को दिया गया है.
मुकेश चाहर ने बताया कि किसानों के लिए मिट्टी परीक्षण का सबसे सही समय जून-जुलाई होता है. फसल बुवाई से पहले मई का यह समय बहुत ही उपयुक्त है. इस समय किसान अपनी मृदा की हेल्थ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है. मिट्टी परीक्षण के बारे में उन्होंने बताया कि कुल 13 प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं. इसमें एचसी, ऑर्गेनिक, कार्बन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, आयरन, कॉपर इत्यादि की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि कौन से तत्व की मात्रा अधिक या कम है, ताकि किसान सही मात्रा में रसायन का उपयोग कर सकें.
मिट्टी परीक्षण से होने वाले लाभों के बारे में उन्होंने बताया कि इससे मिट्टी की उत्पादन क्षमता बढ़ती है. साथ ही उत्पादित होने वाले अनाज की क्वालिटी में भी सुधार किया जा सकता है. मिट्टी की जांच करवा कर लगातार गिर रही उत्पादक क्षमता को भी रोका जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 19:07 IST