Hathras Stampede: हाथरस सत्संग में मची भगदड़ में कैसे इतने लोगों की हुई मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चली वजह
एटा. हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में अचानक मची भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 121 तक पहुंच गई है, जिसमें 110 से ज्यादा महिलाएं हैं. एक सवाल उठ रहा है कि इस भगदड़ में आखिर इतने ज्यादा लोगों की मौत कैसे हो गई. एटा में भेजे गए शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इन मौतों के कारण का पता चला है. डॉक्टरों के मुताबिक, भगदड़ के दौरान अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई.
हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को हुई भगदड़ के बाद एटा के जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे, जबकि कुछ शवों को अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया. राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार घटना में 121 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
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एटा के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम मोहन तिवारी ने बताया, ‘यहां लाए गए 27 शवों में से 19 का पोस्टमार्टम हो चुका है जबकि कर्मचारी आधी रात के आसपास 20वें शव का पोस्टमार्टम करने की तैयारी कर रहे थे.’ उन्होंने बताया कि छह शवों की पहचान होना बाकी है. तिवारी ने कहा, ‘लगभग सभी मामलों में मौत का कारण दम घुटना पाया गया.’ उन्होंने बताया कि मृतकों में अधिकांश 40-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं हैं.
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अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने बताया कि जिले में औसतन प्रतिदिन चार से पांच शवों के पोस्टमार्टम किए जाते हैं, लेकिन मंगलवार को शवों की संख्या औसत से ‘काफी अधिक’ थी, जिसके कारण अस्पताल के कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित समय से अधिक काम करना पड़ा.
अस्पताल में भर्ती लोगों के बारे में तिवारी बताया कि यहां चार मरीज लाए गए थे, जिनमें से एक को प्राथमिक उपचार के बाद ही छुट्टी दे दी गई. दो अन्य खतरे से बाहर हैं और एक गर्भवती महिला का उपचार जारी है जिसकी हालत स्थिर है.
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सकीट क्षेत्र) संजय कुमार सिंह ने बताया कि एटा के सरकारी अस्पताल में लाए गए 27 शवों में से 21 की आधी रात तक पहचान हो गई. सिंह ने बताया कि शवों की पहचान हो जाने के बाद प्रक्रिया पूरी करके उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं.
इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार समेत आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि आयोजकों ने प्रशासन को 80 हजार लोगों के आने की सूचना दी थी जबकि सत्संग में ढाई लाख लोग पहुंच गए. सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद जब वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई.
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FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 15:00 IST