क्या आपके भी बोर्ड में आए हैं कम नंबर? स्क्रूटनी में यूं दुबारा जांची जाती हैं कॉपियां, टीचर ने दिखाया कैसे बढ़ते हैं अंक?

बोर्ड के रिजल्ट्स आ गए हैं. सीबीएसई के साथ ही लगभग हर बोर्ड ने अपने रिजल्ट्स की घोषणा कर दी है. जहां अपने रिजल्ट्स से कुछ लोग खुश हैं वहीं कई ऐसे स्टूडेंट्स भी हैं, जो नंबर्स से संतुष्ट नहीं हैं. कई स्टूडेंट्स अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं होते और कॉपी की स्क्रूटनी के लिए अप्लाई करते हैं. स्क्रूटनी वो प्रक्रिया है, जिसमें बोर्ड की कॉपियों की जांच दुबारा की जाती है. कई बार इस प्रक्रिया में अंक बढ़ जाते हैं. तो कई बार घट भी जाते हैं.
अक्सर देखा जाता है कि वैसे स्टूडेंट्स, जो एक या दो नंबर से फेल हो जाते हैं, वो अपनी कॉपियों की स्क्रूटनी करवाते हैं. इसके लिए एक फीस भरी जाती है और उसके बाद कॉपियों की दुबारा जांच की जाती है. सोशल मीडिया पर एक टीचर ने बोर्ड में कॉपियों की रीचेकिंग का प्रॉसेस बताया. वीडियो में दिखाया गया कि किस तरह से टीचर कॉपी को दुबारा जांचता है.
आंसर नहीं पढ़ते दुबाराबोर्ड की कॉपियों की स्क्रूटनी में उसे टीचर द्वारा दुबारा पढ़ा नहीं जाता. कई लोगों को लगता है कि स्क्रूटनी के दौरान कॉपियों को दुबारा पढ़ा जाता है. लेकिन असल में आंसर शीट पर दिए गए नंबर्स को दुबारा जोड़ा जाता है. स्क्रूटनी करने वाला ये देखता है कि कहीं किसी आंसर के नंबर छूट तो नहीं गए. टोटल करने में हुई गलती को ही स्क्रूटनी के दौरान पकड़ा जाता है.
FIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 16:45 IST