यहां गर्भ गृह में नहीं तीसरी मंजिल पर विराजे हैं भगवान, पाकिस्तान की माता का भी है मंदिर
रिपोर्ट- रवि पायक
भीलवाड़ा: वैसे तो आपने कई तरह के मंदिर देखे होंगे जहां पर भगवान गर्भ गृह में विराजित होते हैं लेकिन, भीलवाड़ा में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान गर्भ गृह में नहीं बल्कि मंदिर की छत यानी की तीसरी मंजिल पर विराजित हैं. भगवान की प्रतिमा भी इतनी विशाल है कि दूर-दूर तक इस मूर्ति का नजारा दिखाई देता है. भीलवाड़ा के रोकड़िया गणेश मंदिर में भगवान गणेश जी की प्रतिमा करीब 21 फीट विशालकाय है. यह भीलवाड़ा जिले की ही नहीं बल्कि प्रदेश की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा भी मानी जाती है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि इसमें एक गुफा बनी हुई है जो चित्तौड़गढ़ और सांगानेर किले में जाकर खुलती है. मान्यता है कि इस मंदिर में गणेश जी के दर्शन करने से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यहां संतान की प्राप्ति के लिए भगवान से मनोकामना मांगने के लिए भक्त मनोकामना का धागा बांधते हैं. इस मंदिर में पाकिस्तान की हिंगलाज माता का मंदिर भी बना हुआ है.
रोकड़िया गणेश मंदिर सेवा समिति के सचिव प्रह्लाद कुमार गर्ग कहा कि यह मंदिर अति प्राचीन है. इस मंदिर में लगभग सभी देवी-देवता विराजमान हैं. इस मंदिर में 21 फीट के गजानंद जी की प्रतिमा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. इस मूर्ति का निर्माण करीब 2007 में करवाया गया था. यह भीलवाड़ा और राजस्थान की पहली ऐसी प्रतिमा है जो 21 फीट की मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थापित है.
आपको बता दें कि यहां पर भगवान के दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर भक्तों की हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और यहां पर मनोकामना का एक धागा भी बांधा जाता है. विशेष तौर पर अपने बिगड़े काम को संवारने और संतान प्राप्ति के लिए श्रद्धालु यहां पर मनोकामना मांगते हैं. जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो उनके द्वारा यहां पर प्रसादी का भी आयोजन किया जाता है.
मूर्ति निर्माण के लिए तत्कालीन समय में तीन कलाकार आए थे. ओडिशा कलाकार को मूर्ति निर्माण की योजना बताने पर उसने तीसरी मंजिल पर निर्माण करने से मना कर दिया. इसके बाद पर्बतसर के कलाकार ने मिट्टी के गजानन की प्रतिमा तैयार की. अंत में हरियाणा के कलाकार रमेश भाई ने एक साल की मेहनत के बाद मूर्ति को मूर्त रूप दिया और मंदिर की छत पर भगवान को स्थापित किया गया.
मंदिर परिसर में है रहस्यमय गुफामंदिर पुजारी का कहना है कि मंदिर परिसर में एक गुफा प्राचीन काल से ही बनी हुई है. बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि यह गुफा पुराने समय में सांगानेर के किले और चित्तौड़गढ़ के किले में जाकर निकलती थी. समय के बदलाव के साथ किसी कारण से इस गुफा को बंद कर दिया गया है और अभी तक यह गुफा बंद है.
पाकिस्तान का हिंगलाज माता मंदिररोकडिया गणेश मंदिर की एक सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि इस मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं जिसमें सबसे प्रमुख और खास पाकिस्तान की हिंगलाज माता मंदिर है. यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर पाकिस्तान की हिंगलाज माता की प्रतिमा स्थापित है. भक्त यहां माता रानी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और मनोकामना मांगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 21:06 IST