Rajasthan

मान्यता! यहां मां के दरबार में पत्थर से घर बनाने पर बन जाता है भक्तों का घर, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास-In-bharija-mata-temple-devotee-made-stone-house-the-grace-of-goddess-built-devotee-house

नागौर. भारतीय हिंदू परंपरा में ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जिनसे जुड़ी अनेकों मान्यताएं हैं. नागौर और सीकर की अंतिम सीमा पर स्थित भारीजा गांव में एक ऐसा मंदिर है जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. बताया जाता है कि इस मंदिर में पांडवों ने विश्राम किया था. यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. नवरात्रि के समय यहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

18 वीं सदी में शुरू हुई थी माता की विधिवत पूजाभारीजा माता का मंदिर धार्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है. जय अम्बे विकास समिति भारीजा के सचिव बंजरग सिंह शेखावत ने बताया कि पहाड़ों वाली माता की पूजा लगभग 18वीं सदी में सर्वप्रथम कुमावत परिवार की एक महिला ने शुरू की थी. इस माता को अग्रवाल समाज की कुलदेवी भी कहा जाता है. इस माता को जात और जडुला के लिए भी दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि 1970 तक यहां इस गुफा में शेर रहता था. पांडवों ने वनवास काल में कुछ समय यहां बिताए थे.

पत्थर के घर बनाने पर मनोकामना होती है पूरी भारीजा माता का मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. माता के मंदिर तक पहुंचाने के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए सीढ़ियां बनाई गई है. इसके अलावा चौपहिया वाहनों के लिए भी पहाड़ को काटकर सड़क बनाई गई है. स्थानीय लोगों के अनुसार पहाड़ी पर चढ़ते समय पहाड़ी के छोटे-छोटे पत्थर से घर बनाए जाते हैं. इसको लेकर मान्यता है कि जो भक्त जितनी मंजिल का पत्थरों से घर बनाता है आगे चलकर उसका उतना बड़ा ही घर बनता है.

नवरात्रि में सजता है माता का दरबारमंदिर पुजारी ने बताया कि नवरात्रि के समय भारिजा माता मंदिर में 9 दिन तक विशेष आयोजन होते हैं. आयोजन में दिल्ली और मुंबई से विभक्त माता के मंदिर में आते हैं. ग्रामीणों के द्वारा माता के मंदिर में 9 दिन तक अखंड ज्योत जलाई जाती है. मान्यता है कि इस मंदिर की ज्योत की रक्षा माता के रक्षक करते हैं. आपको बता दे की कई धारावाहिक कार्यक्रमों की शूटिंग भी इस मंदिर में हो चुकी है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Religion 18

FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 18:27 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj