पुणे पोर्शे कांड: रईसजादे को हाईकोर्ट ने दी जमानत, आदेश में कही ऐसी-ऐसी बातें, जिससे बदल सकता है पूरा मामला!

मुंबई. पुणे पोर्श हिट एंड रन मामले में बड़ा फैसला आया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी है. 22 मई से वह पुणे की रिमांड रोम में बंद था. इतना ही नहीं, अदालत ने उसे तुरंत रिहा करने का भी आदेश दिया है. इतना ही नहीं, आदेश में ऐसी-ऐसी बातें कही है, जो इस पूरे मामले का रुख मोड़ सकते हैं.
नाबालिग आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा, हमने अपनी याचिका में नाबालिग आरोपी के डिटेंशन को अवैध बताया था.उसे कोर्ट ने स्वीकार किया है. अदालत ने तुरंत नाबालिग आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी की बेल रद्द करके उसे रिमांड होम में डाला था. उसकी कस्टडी तीन बार जो बढ़ाई गई थी, उसे भी कोर्ट ने अवैध करार दिया है. नाबालिग आरोपी रिहा होने के बाद अपनी बुआ की कस्टडी में रहेगा.
आखिर हुआ क्या थापुणे के रहने वाले 17 साल के एक रईसजादे को 12वीं पास होने की खुशी में उसके पिता विशाल अग्रवाल ने पोर्शे कार गिफ्ट में दी. लड़का इसी कार से पब में गया. दोस्तों के साथ शराब पी और रात 12.15 बजे दूसरे पब में गया. वहां से 1.30 बजे रात में वो नशे में गाड़ी चलाते हए निकला. लौटते वक्त उसकी कार इतनी तेज थी कि कल्याणी नगर उनसे बाइक से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया. हादसे में दोनों की मौत हो गई. आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड रिमांड होम में डाल दिया. रईसजादे को बचाने की तमाम तरह की कोशिशें हुईं. यहां तक कि उसके ब्लड सैंपल तक बदल दिए गए. लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. पूरे परिवार को जेल जाना पड़ा.
रिमांड होम में डालने का फैसला अवैधनाबालिग के परिवार ने उसे रिमांड होम में भेजे जाने का विरोध किया. कहा कि यह कानून का उल्लंघन है. उसे जेल की तरह नहीं रखा जा सकता. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के रिमांड होम में डालने के फैसले को अवैध कर दे दिया. अब रिहा होने के बाद नाबालिग बुआ की कस्टडी में रहेगा.
FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 15:44 IST