highcourt sthapna diwas | राजस्थान: रोकी सती प्रथा व भ्रूण हत्या की बुराइयां, कामकाजी महिलाओं व पंचायती राज को संरक्षण

जयपुरPublished: Aug 29, 2023 01:55:59 am
राजस्थान हाईकोर्ट स्थापना दिवस आज: 74 साल के सफर में कई सुनहरे अध्याय
हाईकोर्ट भवन के बाहर खड़े मुख्य न्यायाधीश तथा न्यायाधीश।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट मंगलवार को अपनी स्थापना के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अपने 74 साल के सफर में हाईकोर्ट ने न केवल सती प्रथा, भ्रूण हत्या और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी बुराइयों पर प्रहार किया, बल्कि पंचायती राज स्थापना और दो से अधिक संतान पर पंचायती राज चुनाव लड़ने पर रोक जैसे कई प्रगतिशील विषयों को संरक्षण दिया। राजस्थान हाईकोर्ट में रहे तीन न्यायाधीश अब तक देश के प्रधान न्यायाधीश के पद तक पहुंचे हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने अब तक ऐसे कई फैसले दिए हैं, जिन्होंने प्रदेश ही देश के इतिहास को नया रूप दिया। सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद तक पहुंचे एस सी अग्रवाल ने उनके राजस्थान हाईकोर्ट में रहते समय भारत यात्रा पर आए अरब राजपरिवार के व्यक्ति को गोड़ावन का शिकार करने से रोक दिया। राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहने के बाद सीजेआई रहे जे एस वर्मा की कमेटी ने दिल्लीे के निर्भया प्रकरण में और सीजेआई रहे आर एम लोढ़ा ने विवादों में रही बीसीसीआई की चुनाव व्यवस्था को बदलने के लिए ऐतिहासिक रिपोर्ट दी। इन रिपोर्ट्स का देशभर में असर हुआ है।