Rajasthan

Hindu Nav Varsh 2024: रियायत काल की परंपरा आज भी कायम, 70 साल पुरानी चांदी की पोशाक पहनेंगे ठाकुरजी | Nav Samvatsar 2024: Thakurji wear 70 years old silver dress worn in Ramchandra ji temple in Chandpol jaipur

राजपरिवार के जमाने की परंपरा आज भी कायम महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि कलश पूजन के साथ ठाकुर जी के मंगला दर्शन शुरू होंगे। ठाकुर जी और शालिग्राम जी को पूजन के कलश से ही स्नान कराया जाता है केतकी, बेला गुलाब आदि नववर्ष के फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। ठाकुर जी को 70 साल पुरानी चांदी के तार एवं रेशम से निर्मित पोशाक धारण कराई जाएगी। बालभोग में केसर दूध, लड्डू परोसे जाएंगे। मुख्य रूप से मिश्री, काली मिर्च और नीम की कोपल को मिलाकर भोग लगाया जाएगा। ताकि सब पूरे साल निरोगी रहे। श्रृंगार आरती के बाद ठाकुर जी को पंचांग सुनाया जाएगा। जिसमें पूरे वर्ष की ग्रह नक्षत्र की गणना, मुख्य चौघड़िया बताया जाएगा ताकि रामचंद्र प्रजा की रक्षा कर सके। महंत ने बताया कि राजपरिवार के जमाने से मंदिर में नवसंवत्सर पूजन, मिश्री, काली मिर्च और नीम का प्रसाद का भोग लगाया जाता है। पुराने समय में जयपुर के राजा यहां रामजी के दरबार में आते थे उनके साथ बहुत मात्रा में मिश्री, नीम और काली मिर्च का प्रसाद भेजा जाता था जो उनके पूरे परिवार में सेवकों और सैनिकों में बांटा जाता था जिससे वह निरोग रहकर प्रजा की सेवा कर सके। मंदिर में आज भी वर्ष 1901 सहित अन्य पंचाग सुरक्षित हैं।

अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बना मंदिर
कौस्तुभ दाधीच ने बताया कि मंदिर में सबसे अनूठी बात यह है कि इस मंदिर को अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बना हुआ हैं। जिस प्रकार अयोध्या में कनक बिहारी जी विराजमान हैं। उसी रूप में यहां भगवान रामचन्द्र को यहां स्थापित किया गया है। दीवारों पर शानदार नक्काशी का नमूना देखने को मिलता है, जिसमें जगमोहन में विष्णुजी के 24 अवतारों का चित्रण किया गया है संगमरमर की दीवारों पर रामचरित मानस के प्रसंगों का सौंदर्य दिखाई देता है।

यह भी पढ़ें

Photos : जोधपुर में बोले बाबा बागेश्वर, धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं; देखें फोटो

होगी विशेष सजावट
महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि मंदिर में विशेष सजावट रोशनी की जाएगी। पहले दिन मंगल में कलश पूजन के साथ ही सुबह आठ बजे से उत्सवों की शुरुआत होगी। दस अप्रेल को सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा जिसमें महिलाएं सिंजारा पूजेंगी व मेहंदी लगाएगी। सीता जी की प्रसादी मेहंदी भी वितरण की जाएगी। गणगौर माता की बिंदोरी भी निकल जाएगी। 11 अप्रेल को गणगौर उत्सव मनाया जाएगा। राम दरबार के घेवर का भोग लगाया जाएगा। 9 से 15 अप्रेल तक वृंदावन के निकुंज बिहारी रासलीला मंडल की अगुवाई में रामकृष्ण के चरित्र एवं वक्त चरित्र का वर्णन कुंज बिहारी शर्मा के निर्देशन में किया जाएगा।

31 हजार दीपकों से होगी आरती
रामचंद्र मंदिर में नौ दिवसीय राम जन्मोत्सव की शुरुआत मंगलवार से होगी। 17 अप्रैल को रामनवमी पर सुबह छह बजे मंगला आरती, सुबह 9:30 बजे श्रृंगार आरती, सुबह 11 बजे पंचामृत अभिषेक, दोपहर एक बजे बधाई गान, 2:30 बजे रामलला की जन्म आरती होगी। गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में नौ दिवसीय चैत्र नवरात्र एवं रामनवमी महोत्सव मनाया जाएगा। सुबह घट स्थापना कर पूजन किया जाएगा। शाम पांच बजे 31 हजार दीपकों से आरती होगी व संपूर्ण परिसर में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। रामनवमी पर शोभायात्रा निकलेगी।

यह भी पढ़ें

आज हवा-बादल देंगे तपिश से राहत, राजस्थान में मौसम विभाग ने जारी किया आंधी और बारिश का अलर्ट

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj