अजब-गजब: कुत्ते या कबूतर के साथ नहीं, भैंसे के साथ इनकी दोस्ती बनी है मिसाल

भीलवाड़ा: वैसे तो आपने दोस्ती के कई रंग और तरीके देखे होंगे, लेकिन भीलवाड़ा में कान्हा और मूलचंद की ऐसी दोस्ती है कि हर कोई हैरत में पड़ जाता है. दरअसल, जिले के कोदूकोटा गांव निवासी मूलचंद अपने भैंसा कान्हा के साथ ऐसे घूमते हैं, जैसे शाही सवारी पर घूम रहे हों. हर कोई इस नजारे को देखकर खुश होता है और उनके साथ सेल्फी लेने लगता है.
भैंसे पर बैठकर बाजार जाते हैं
कोदूकोटा गांव के रहने वाले मुलचंद रोजाना भैंसे पर सवार होकर हाथ में छतरी लेकर जब बाजार पहुंचता है, तो देखने वालों का मजमा लग जाता है. मुलचंद छाता लेकर बाजार में ऐसे आता है जैसे किसी शाही सवार पर सवार होकर आ रहा हो. इसके कारण लोग इनके साथ सेल्फी लेने से भी नहीं चूकते है. मुलचंद अपने भैंसे पर सवार बाजार से सामान लेते है और फिर अपने घर को लौट जाते हैं.
शाही सवारी है
भैंसे की सवारी करने वाले मुलचंद कहते है कि मैं रोजना पाडा (भैंसे) पर सामान लेने आता हूं. यह मेरी शाही सवारी है और मुझे पर इस पर घुमना अच्छा लगता है. मुझको लोग देखते है और फोटो भी खिंचते हैं. यह सांगानेर का भेंसा है, जो मुझे सबसे ज्यादा प्यारा है. मैं इसको अपने परिवार के सदस्य की तरह मानता हूं और इसका पूरा ख्याल रखता हूं.
कान्हा को नहीं लगे किसी की नजर
मूलचंद के शाही सवारी कहे जाने वाले कान्हा भैंस को किसी की नजर न लगे इसलिए मूलचंद, कान्हा को फटी- पुरानी चप्पल की माला पहनाकर घूमाते हैं, ताकि इसको कभी किसी की नजर न लगे. यही नहीं मूलचंद का यह भी कहना है कि जब यह घास के खुले मैदान में होता है, तो ये फुटबॉल भी खेलता है.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 10:27 IST