Rajasthan

Historical step towards GI tag, Tinwari-Mathania chilli will get international status, know why the red chilli of Mathania of Jodhpur is so special?

Last Updated:April 15, 2025, 17:29 IST

जोधपुर की तिंवरी-मथानिया मिर्च को GI टैग मिलने जा रहा है, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ेगी. नाबार्ड के सहयोग से आवेदन स्वीकार हुआ है. इससे किसानों और व्यापारियों को लाभ मिलेगा.X
तिंवरी-मथानिया
तिंवरी-मथानिया मिर्च

हाइलाइट्स

तिंवरी-मथानिया मिर्च को मिलेगा GI टैगमिर्च की मांग और कीमत बढ़ेगीकिसानों और व्यापारियों को होगा लाभ

जोधपुर:- राजस्थान के जोधपुर जिले की प्रसिद्ध तिंवरी-मथानिया मिर्च को जल्द ही उसकी अनूठी पहचान और विशिष्टता के लिए भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिलने जा रहा है. जोधपुर मथानिया के मिर्च की उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार और इसका तीखापन वर्षो से अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाए हुए है.

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से तिंवरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (FPO) द्वारा GI टैग के लिए आवेदन किया गया था, जिसे GI रजिस्ट्री कार्यालय ने औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है. अब आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी, जिसके पश्चात कानूनी प्रक्रिया पूर्ण होने पर GI टैग प्रदान किया जाएगा.

किसानों के लिए नया अवसरतिंवरी-मथानिया मिर्च को जीआई टैग मिलने से इस मिर्च को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ेगी. इसका प्रत्यक्ष लाभ स्थानीय किसानों और व्यापारियों को मिलेगा. FPO निदेशक श्रवण भादू के अनुसार, “यह मिर्च तिंवरी और मथानिया क्षेत्र में पारंपरिक रूप से पीढ़ियों से उगाई जा रही है, लेकिन उचित पहचान के अभाव में किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा था. GI टैग से यह स्थिति अब बदलेगी.

किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी होंगे खुशहालएक्सपोर्ट के लिए रास्ते खुलने के साथ क्षेत्र की किसानों को मिर्ची की पैदावार करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय करने का लाभ मिलेगा और किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी खुशहाल होंगे, क्योंकि मथानिया की मिर्च को जीआई टैग मिलने की संभावना जताई जा रही है. इसी उद्देश्य से कुछ महा पूर्व में फ्रांस से आए प्रतिनिधिमंडल ने पहले जयपुर में अधिकारी के साथ मंथन किया था और एक सप्ताह के लिए टीम जोधपुर भी पहुंची थी.

राजस्थान की GI टैग विरासत में एक और नामगौरतलब है कि राजस्थान में जोधपुरी बंधेज, बीकानेरी भुजिया, कोटा डोरिया और जयपुरी मोजड़ी जैसे उत्पाद पहले ही GI टैग से सम्मानित हो चुके हैं. अब तिंवरी-मथानिया मिर्च भी इस गौरवशाली सूची में जुड़ने जा रही है.

क्या है जीआई टैग?किसी वस्तु या उत्पाद की किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में हुई उत्पत्ति और उससे जुड़े गुणों को सूचित करने के लिए जीआई टैग दिया जाता है. यह उसी उत्पाद को दिया जाता है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में 10 वर्ष या इससे ज्यादा समय से निर्मित या उत्पादित किया जा रहा हो. जीआई टैग मिलने के बाद कोई भी अन्य निर्माता समान उत्पादों को बाजार में लाने के लिए नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता है. भारत में यह 15 सितंबर 2003 से लागू है.

Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

April 15, 2025, 17:29 IST

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