ऊर्जा मंत्री नागर का गहलोत पर तीखा पलटवार, कहा- ‘साढ़े चार साल जनता पर बोझ डाला, अब दे रहे हैं ज्ञान’

जयपुर. राजस्थान की सियासत में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा सरकार के बीच तीखी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने साढ़े चार साल के शासन में जनता पर भारी बोझ डाला और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को 88,700 करोड़ रुपये के कर्ज में डुबो दिया. नागर ने गहलोत के हालिया बयानों को ‘ज्ञान बांटने की कोशिश’ करार देते हुए कहा कि वे अपनी गलतियों को भूल गए हैं और अब उपदेश देने में जुटे हैं.
शनिवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नागर ने कहा कि गहलोत जी को अपनी साढ़े चार साल की सरकार की गलतियां याद नहीं, लेकिन जनता सब जानती है. उन्होंने जर्जर बिजली तंत्र छोड़ा, जिसमें भारी घाटा और कर्ज का बोझ था. उनकी सरकार ने आखिरी छह महीनों में चुनावी रेवड़ियां बांटने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें जवाब दे दिया. नागर का इशारा गहलोत सरकार के उन फैसलों की ओर था, जिनमें बिजली बिलों में राहत और मुफ्त बिजली जैसी योजनाएं शामिल थीं, जिन्हें भाजपा ने ‘चुनावी हथकंडा’ करार दिया था.
गहलोत सरकार में डिस्कॉम्स की हालत हो गई थी खराब
नागर ने दावा किया कि गहलोत सरकार के दौरान डिस्कॉम्स की हालत इतनी खराब हो गई थी. बिजली आपूर्ति में भारी दिक्कतें आ रही थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने डिस्कॉम्स को 88,700 करोड़ रुपये के कर्ज में डुबोया. बिजली की लाइनें जर्जर थीं, ट्रांसफार्मर फुंक रहे थे और ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों कटौती हो रही थी. इसके विपरीत, उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले 25 साल में पहली बार बिजली दरों में कमी की है. हमारी सरकार ने उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 35 से 80 पैसे तक की राहत दी है. यह जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है.
ज्ञान बांटने की बजाए अपनी नाकामियों को देखे गहलोत
ऊर्जा मंत्री ने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि जब जमीन से जुड़ा व्यक्ति जनता की सेवा करता है, तो इमारतें हिलने लगती है. अशोक गहलोत को अब ज्ञान बांटने की बजाय अपनी सरकार की नाकामियां देखनी चाहिए. उनका यह बयान गहलोत के हालिया बयानों पर था, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार पर बिजली आपूर्ति और डिस्कॉम्स की वित्तीय स्थिति को लेकर सवाल उठाए थे. नागर ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद डिस्कॉम्स की स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें नई बिजली लाइनों का निर्माण, ट्रांसफार्मरों की मरम्मत, और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना शामिल है.
कांग्रेस सरकार ऊर्जा क्षेत्र में नहीं उठाया कोई ठोस कदम
नागर ने यह भी दावा किया कि गहलोत सरकार की नीतियों के कारण बिजली उत्पादन और वितरण में भारी कमी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सौर और पवन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को बेहतर किया है. उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया, जिसमें उज्ज्वला योजना और सौभाग्य योजना के तहत लाखों घरों को बिजली कनेक्शन दिए गए.
नागर ने अपनी सरकार की गिनाई उपलब्धियां
इसके साथ ही, नागर ने गहलोत पर निजी हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार ने केवल ‘घोषणाओं की सियासत’की. गहलोत जी ने हर बार योजनाएं लॉन्च कीं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ. हमारी सरकार ने कम बोलकर ज्यादा काम किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार ने न केवल बिजली दरों में कमी की, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को भी निर्बाध बनाया है. अब यह बयानबाजी राजस्थान की राजनीति में नया रंग ला रही है. जहां भाजपा अपनी उपलब्धियों को गिनाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस गहलोत के नेतृत्व में पुरानी योजनाओं को जनता के सामने लाने की कोशिश कर रही है.