दिन में कितनी बार हाथ धोना चाहिए, क्या ज्यादा साफ करने से होता है उल्टा असर, क्या है सेफ हाइजीन

Hand Wash Habits or Disorder: अपने शरीर को साफ रखना अच्छी बात है. जब भी हाथ गंदे होते हैं, हाथों को साफ करना चाहिए लेकिन इसकी क्या लिमिट होनी चाहिए. कितनी बार दिन में हाथ धोना चाहिए, इसे लेकर हमेशा कंफ्यूजन रहता है. कुछ लोग ऐसे होते हैं कि दिन में पचासों बार हाथ धो लेते हैं. यह कोई अच्छी आदत नहीं है. इससे स्किन का और कबाड़ हो जाता है. इसलिए हर किसी को यह जानना जरूरी है कि दिन में कितनी बार हाथ धोना चाहिए और किस तरह धोना चाहिए और कब-कब धोना चाहिए. इसे लेकर न्यूज 18 ने सी के बिड़ला अस्पताल में इंटरनल मेडिसीन के कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल से बात की.
कितनी बार हाथ साफ करें, ये कई बातों पर निर्भर डॉ. तुषार तायल ने बताया कि पहले हमारे देश हाथों की सफाई को लेकर इतना अवेयरनेस नहीं था लेकिन जब से कोरोना आया लोगों में इस बात की समझ बढ़ी है कि हाथों को रेगुलर साफ करना चाहिए. जहां तक हाथ दिन में कितनी बार साफ करना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके हाथ कितने गंदे होते है और आप किस तरह का काम करते हैं. जब भी कुछ काम कर रहे हो और वहां डस्ट बहुत ज्यादा है तो हाथ साफ करना ही होगा. बाहर जाते हैं लंबे समय रहते हैं तो हाथ गंदे हो ही जाएंगे, इस स्थिति में हाथ साफ करना ही होगा. हाथ साफ करने का फॉर्मूला यह है कि अगर आपके हाथ पर मैल दिख रहे हैं तो आपको हाथ साफ करना चाहिए. वरना जब भी आप बाहर के संपर्क में आते हैं और अपने चेहरे को छूते हैं तो उससे पहले अपने हाथों को सेनिटाइज कर लें और कुछ भी खाने से पहले हाथों को सेनिटाइज कर लें. वहां हाथ नहीं भी धोएंगे तो काम चल सकता है लेकिन सेनिटाइज जरूर करें. यानी या तो हाथ धोएं या हाथों को सेनिटाइज करें. जब भी किसी दूसरे को छूए तो उसके बाद हाथों को सेनिटाइज कर लें. इसके लिए बार-बार हाथ धोने की जरूरत नहीं है.
बीमारी के कारण बार-बार हाथों की सफाई अब सवाल है कि कुछ लोग हाथों को इतनी बार साफ करते हैं कि इससे दूसरे को भी इससे एंग्जाइटी हो जाए. डॉ. तुषार तायल कहते हैं कि यह एक बीमारी है जिसे ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर कहा जाता है. यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसमें इंसान बहुत ज्यादा संदेह करने लगता है. ऐसे व्यक्ति अपने हेल्थ को लेकर बहुत शकी हो जाता है. उसे लगता है कि हम हर मिनट में हाथ साफ नहीं रखेंगे तो बीमारी हो जाएगी या कोई इंसान बाहर से इतना डर जाता है कि अपने दरवाजे की लगी हुई कुंडी को बार-बार चेक करने जाता है कि कहीं कुंडी लगाना भूल तो नहीं गया या ठीक से लगी कि नहीं. इस डिसॉर्डर का एक और उदाहरण है कि कुछ लोग अपने घरों को 10 बार से भी ज्यादा साफ करते हैं. जैसे ही घर में किसी के पैर पड़े, वह तुरंत घर को साफ करना शुरू कर देते हैं.
बार-बार हाथ साफ करने के नुकसानडॉ. तुषार तायल ने बताया कि हमारी स्किन के पहले लेयर में हमें फायदा पहुंचाने वाले करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं. इसके साथ ही इसी लेयर से नेचुरल ऑयल निकलते हैं. ये सब मिलकर हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं. इससे हमें बाहरी इंफेक्शन से बचाव होता है. ऐसे में अगर आप बार-बार हाथ धोएंगे तो इससे स्किन के पहले लेयर को क्षति होगी और इसमें आपको कई तरह के नुकसान होंगे. अगर पहला लेयर टूट गया तो कोई भी सूक्ष्म जीव आसानी से आपके ब्लड स्ट्रीम में घुसकर आपको इंफेक्शन दे सकता है. दूसरा यदि बार-बार हाथ धोएंगे तो इससे स्किन रूखी और बेजान हो जाएगी. इसकी मुलाययमियत चली जाएगी. यहां तक कि बार-बार स्किन में सूजन हो जाएगी और आपको दर्द भी होगा. इसलिए हाथ उतना ही धोए जितनी जरूरत हो. जब हाथ मैले दिखें तब ही हाथ को धोएं. ज्यादातर जरूरतों पर सेनिटाइज कर के ही काम चल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 17:08 IST