Rajasthan
How much was saved the Ramgarh dam, now in this way the reality | रामगढ़ बांध को कितना बचाया, अब इस तरह हकीकत आएगी सामने

सरकार बना रही पांच सदस्यीय कॉर्डिनेशन कमेटी
जयपुर
Published: January 31, 2022 08:12:08 pm
भवनेश गुप्ता
जयपुर। रामगढ़ बांध सहित अन्य जल स्त्रोतों को बचाने की बजाय चहेतों को उपकृत करने वाले जिम्मेदार अब नहीं बचेंगे। इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश की पालना हुई या नहीं, इसकी हकीकत पता लगाने के लिए पांच सदस्यीय कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन होगा। कोर्ट आदेश के बाद सरकार ने इसकी कवायद तेज कर दी है। इस कमेटी में संभवतया जल संसाधन विभाग, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, राजस्व, नगरीय विकास विभाग के प्रतिनिधि होंगे। यह कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी कि हाईकोर्ट की ओर से 5 नवम्बर 2019 को दिए गए विस्तृत आदेश की कितनी और किस स्तर पर पालना हुई है। साथ ही संबंधित सरकारी एजेंसी के साथ समन्वय भी करेगी। बताया जा रहा है कि कोर्ट में रामगढ़ बांध सहित जल स्त्रोतों का मामला है और इस लेकर 17 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है। इस दिन कोर्ट को कमेटी व बहाव क्षेत्रों में जमीन से जुड़े रेफरेंस व हटाए गए अतिक्रमण की जानकारी भी देनी है। गंभीर यह है कि जल स्त्रोतों और उसके बहाव क्षेत्र की जमीन से जुड़े रेफरेंस में से अब भी 35 प्रतिशत लंबित है, जिसमें निर्णय आना बाकी है। इसमें जयपुर जिले के मामले हैं।
जयपुर। रामगढ़ बांध सहित अन्य जल स्त्रोतों को बचाने की बजाय चहेतों को उपकृत करने वाले जिम्मेदार अब नहीं बचेंगे। इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश की पालना हुई या नहीं, इसकी हकीकत पता लगाने के लिए पांच सदस्यीय कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन होगा। कोर्ट आदेश के बाद सरकार ने इसकी कवायद तेज कर दी है। इस कमेटी में संभवतया जल संसाधन विभाग, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, राजस्व, नगरीय विकास विभाग के प्रतिनिधि होंगे। यह कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी कि हाईकोर्ट की ओर से 5 नवम्बर 2019 को दिए गए विस्तृत आदेश की कितनी और किस स्तर पर पालना हुई है। साथ ही संबंधित सरकारी एजेंसी के साथ समन्वय भी करेगी। बताया जा रहा है कि कोर्ट में रामगढ़ बांध सहित जल स्त्रोतों का मामला है और इस लेकर 17 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है। इस दिन कोर्ट को कमेटी व बहाव क्षेत्रों में जमीन से जुड़े रेफरेंस व हटाए गए अतिक्रमण की जानकारी भी देनी है। गंभीर यह है कि जल स्त्रोतों और उसके बहाव क्षेत्र की जमीन से जुड़े रेफरेंस में से अब भी 35 प्रतिशत लंबित है, जिसमें निर्णय आना बाकी है। इसमें जयपुर जिले के मामले हैं।
रामगढ़ बांध- तहसीलवार बहाव क्षेत्र के रेफरेंस की स्थिति…
तहसील—रेफरेंस प्रकरण— लंबित
आमेर— 56— 0
जमवारामगढ़— 288— 88
शाहपुरा— 130— 90
विराटनगर— 136— 95

यह है हालात
(1) बहाव क्षेत्र के मामले में सख्ती हुई तो रेफरेंस के 339 मामलों में फैसला हुआ। इसमें 248.23 हेक्टेयर जमीन दोबारा सिवायचक में दर्ज की गई, जबकि सरकारी नुमाइंदे इस जमीन को बेच चुके थे। ऐसे ही लंबित अन्य मामलों में जल्द फैसला हो तो बहाव क्षेत्र का गला घोंटने वालों को सबक मिले। अभी 273 मामलों में फैसला आना बाकी है।
(2) रामगढ़ बांध और अन्य जल स्त्रोतों को बचाने और लगातार मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई राज्य स्तरीय हाईपावर कमेटी भी निष्क्रिय है। हालात यह है कि कमेटी की अंतिम बैठक ही करीब तीन साल पहले हुई थी। इसके बाद मामले की सुध ही नहीं ली गई। जबकि, हाईकोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में 9 विभागों के सचिव, प्रमुख शासन सचिव हैं।
(1) बहाव क्षेत्र के मामले में सख्ती हुई तो रेफरेंस के 339 मामलों में फैसला हुआ। इसमें 248.23 हेक्टेयर जमीन दोबारा सिवायचक में दर्ज की गई, जबकि सरकारी नुमाइंदे इस जमीन को बेच चुके थे। ऐसे ही लंबित अन्य मामलों में जल्द फैसला हो तो बहाव क्षेत्र का गला घोंटने वालों को सबक मिले। अभी 273 मामलों में फैसला आना बाकी है।
(2) रामगढ़ बांध और अन्य जल स्त्रोतों को बचाने और लगातार मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई राज्य स्तरीय हाईपावर कमेटी भी निष्क्रिय है। हालात यह है कि कमेटी की अंतिम बैठक ही करीब तीन साल पहले हुई थी। इसके बाद मामले की सुध ही नहीं ली गई। जबकि, हाईकोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में 9 विभागों के सचिव, प्रमुख शासन सचिव हैं।
यह है स्थिति
-3172 रेफरेंस को राजस्व मण्डल को भेजे गए
-91 मामले अस्वीकृत किए
-2052 रेफरेंस में अब तक आया है निर्णय
-1650.61 हेक्टेयर जमीन को सिवायचक दर्ज किया गया
-35 प्रतिशत मामलों में अब तक भी फैसला बाकी
-16 तहसील से जुड़े मामले शामिल हैं इसमें
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