कैसे ढहा केजरीवाल की नई दिल्ली सीट का किला? प्लान को कैसे BJP ने जमीन पर उतारा

Last Updated:February 12, 2025, 16:43 IST
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल वोटरों को साधने के लिए खास रणनीति बनाई. आशीष सिंह आशू, संजय सिंह टाइगर और अन्य नेताओं ने नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को हराने के लिए मेहनत की.
नई दिल्ली सीट पर BJP ने आप को एक प्लान से घेरा.
(Image:PTI)
हाइलाइट्स
बीजेपी ने पूर्वांचल वोटरों को साधने की रणनीति बनाई.नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को हराने की योजना बनाई.पूर्वांचल नेताओं ने 125 बैठकें कर वोटरों को साधा.
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर पार्टी की तैयारी जोरों पर थी. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी. पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने जनवरी के आखिरी हफ्ते में पूर्वांचल के वोटरों को साधने के लिए अहम मीटिंग की. नई दिल्ली विधानसभा सीट पर भी पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश के निवासियों की तादाद बहुत ज्यादा थी. और यहीं से जन्म लिया अरविंद केजरीवाल को हराने के बीजेपी के प्लान ने. पार्टी ने 51 पूर्वांचल की सीटों को चुना जहां पर 1 यूपी का विधायक या पूर्व विधायक, 1 बिहार का विधायक या पूर्व विधायक और दिल्ली के पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारियों की टीम बनाई गई. इसी कड़ी में सबसे हाट सीट थी केजरीवाल को घेरने के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट. उसमें यूपी के हरदोई जिले के मल्लावा के विधायक आशीष सिंह आशू, बिहार के आरा से पूर्व विधायक संजय सिंह टाइगर और दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा संगठन की तरफ से स्थानीय पूर्वांचल प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता अंशुमान सिंह और अमित तिवारी को शामिल किया गया.
इस तरीके से शुरू हुआ प्लाननई दिल्ली सीट का पूरा दारोमदार 14 धोबी घाट के वोटरों और इसके साथ ही 16 झुग्गी बस्ती में रहनेवाले लोगों पर था. इनमें से ज्यादातर वाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखते हैं और पूर्वांचल समाज से जुड़े हैं. हर दिन अलग-अलग इलाकों में 10 बैठकें की जातीं. इस तरीके से कुल 125 बैठकें हुई. धोबी घाटों में अधिकतर मतदाता हरदोई और उन्नाव जिलों के हैं. इसीलिए हरदोई के विधायक आशीष सिंह आशू को वहां लगाया गया. सबसे हॉट सीट और सबसे चर्चित सीट 40- नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा को जीत दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई से भाजपा विधायक आशीष सिंह आशू की टीम ने फौरन ग्राउंड पर काम करना शुरू कर दिया.
क्या थी गणितयूपी के विधायक आशीष सिंह आशू, बिहार के पूर्व विधायक संजय टाइगर और दिल्ली पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारी अंशुमान सिंह ने नई दिल्ली की झुग्गी झोपड़ी बस्तियों में जाकर कैंपेनिंग कर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील शुरू की और भाजपा के पक्ष में माहौल की रणनीति तैयार की. प्रचार के दौरान नई दिल्ली विधानसभा सीट के 16 धोबी घाटों पर हरदोई -उन्नाव- कानपुर से बहुत बड़ी संख्या में रह रहें धोबी समाज के लगभग 14000 और वाल्मीकि समाज के 12000 मतदाता हैं. इस सीट की जिम्मेदारी निभा रहे विधायक आशीष सिंह ने शीर्ष नेतृत्व से बात कर धोबी समाज से आने वाले उन्नाव जनपद से विधायक बंबालाल दिवाकर तथा हरदोई के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि पीके वर्मा को लेकर आशू ने सोलह धोबी घाटों को मथ डाला. हर धोबी घाट पर दो-दो कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप दी. जिसका परिणाम ये हुआ है वहां का धोबी समाज अपने क्षेत्र के नेताओं को अपने बीच में पाकर अपनेपन की मिठास में केजरीवाल को बाय-बाय कर दिया और भाजपा का किला मजबूत होता गया.
नई दिल्ली सीट को साधने के लिए खास रणनीतिइसी क्रम में नई दिल्ली विधानसभा सीट के सबसे व्यस्त बाजार सरोजनीनगर मार्केट है. जहां उत्तर प्रदेश के अमेठी और रायबरेली,प्रतापगढ़, जौनपुर के ज्यादातर लोग काम करते हैं. वहां पर रायबरेली से ताल्लुक रखने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेशप्रताप सिंह ने पार्टी के निर्देश पर दुकान- दुकान कैंपेनिंग की. उन्होंने रेहड़ी पटरी दुकानदारों मिलकर भाजपा के पक्ष में मतदान हेतु प्रोत्साहित किया, वहीं प्रतापगढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाले यूपी के पूर्व विधायक बृजेश मिश्रा सौरभ और धीरज ओझा, जौनपुर के लोगों को रिझाने के लिए विवेक सिंह राजा सरोजनीनगर मार्केट में डटे रहे. मोतिहारी, दरभंगा ,समस्तीपुर, मधुबनी के रहने वाले आटोरिक्शा चालकों व उनके परिजनों से बिहार के खांटी नेता पूर्व कृषि मंत्री व पूर्वी चंपारण से सांसद राधा मोहन सिंह के आवास लगभग दस मीटिंग कर उनको बिहारी अंदाज में भाजपा का साथ देने का निवेदन कर अपना समर्थन भाजपा को देने की कारगर रणनीति बनाई.
हर तबके का रखा ख्यालउत्तर प्रदेश से बहुत बड़ी सख्या में कनाट प्लेस और खान मार्केट में पान की दुकान तथा ठेला- खोमचा लगाने वाले दुकानदारों से संपर्क की जिम्मेदारी विधायक आशीष सिंह आशू ने भाजपा पिछड़ा मोर्चा उत्तर प्रदेश में प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि चौरसिया को सौंपी. उन्होंने अपनी टीम के साथ नई दिल्ली के आस-पास के इलाकों में भी भाजपा के लिए कैंपेनिंग की. बस्ती के पूर्व सांसद व असम प्रदेश के प्रभारी हरीश द्विवेदी के साथ हर रात में बैठक कर आरा के पूर्व विधायक संजय टाइगर, पूर्वांचल मोर्चा के अंशुमन सिंह और अमित तिवारी रोज रात को आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा और पिछले जनसंपर्क के परिणामों पर चर्चा कर आगामी रणनीति तय करते रहे. जिसका परिणाम रहा कि केजरीवाल का किला ढह गया. विधायक आशीष सिंह आशू का कहना है कि हमारा मुख्य फोकस था छोटी-छोटी सभाओं पर. यहां हम प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और गृह मंत्री अमित शाह का विजन जनता को समझाते, और इसका असर परिणाम पर साफ तौर पर दिखा.
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रोजाना हाई कमान को फीडबैक दियानई दिल्ली विधानसभा सीट में कैंपेनिंग के दौरान इस टीम ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी मतदाताओं का संवाद कराया गया और पहाड़ के रहने वाले वोटरों को साधने की कोशिश की गई. जिसका नतीजा ये हुआ कि एक-एक वोट जो कि पिछले 11 साल से केजरीवाल का गढ़ बना हुआ था वह बीजेपी के पक्ष में आता चला गया और इस तिकड़ी ने अपना काम कर दिया. नई दिल्ली विधानसभा सीट के अलावा जिन 51 विधानसभा सीटों में यह रणनीति अपनाई गई थी, उसमें से 38 विधानसभा सीटों को भारतीय जनता पार्टी अपनी झोली में डालने में कामयाब रही. भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल मोर्चा दिल्ली प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संतोष ओझा का कहना है कि पूर्वांचल समाज हमेशा से ही दिल्ली की अस्मिता का हिस्सा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरीके से इन लोगों के साथ संवाद करने का मंत्र दिया उसने पूर्वांचल समाज से बीजेपी को जोड़ने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की. दिल्ली की सबसे हाई प्रोफाइल जीत के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी इसी तरीके से चुनावी रणनीति अन्य राज्यों में भी बनाएगी ताकि वह पूर्वांचल और यूपी के लोग जो दूसरे राज्यों में रह रहे हैं उनको अपने साथ जोड़ सके या जो जुड़े हैं उनको अपने साथ बरकरार रख सके.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 16:41 IST
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कैसे ढहा केजरीवाल की नई दिल्ली सीट का किला? प्लान को कैसे BJP ने जमीन पर उतारा