Barmer News : कर्मचारी हड़ताल पर, सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप्प, लोग परेशान
मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी पिछले 12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. इसकी वजह से सरकारी कार्यालयों में काम काज बाधित होने के साथ आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 60 वर्षाें से उपेक्षित मंत्रालयिक कर्मचारी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है. इतना ही नहींइस बार कई मंत्रियों और विधायको के साथ अन्य जन प्रतिनिधियों ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की पैरवी करते हुए उनकी मांगे माने जाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखे है.
आपके शहर से (बाड़मेर)
प्रदेशभर की तरह सरहदी बाड़मेर जिले के सरकारी कार्यालयों में आने वाली जनता को बैरंग लौटना पड़ रहा है. दरअसल बाड़मेर जिले के मंत्रालयिक कर्मचारियों की वेतन संबंधित विसंगतियों के निराकरण के लिए राज्य सरकार ने कमेटियों के गठन के साथ कई मर्तबा समझौते भी किए.लेकिन अभी तक कमेटियों की रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं कर्मचारी संगठनों के साथ हुए समझौतों का धरातल पर क्रियान्वयन भी नहीं हो पाया है. इसीवजह से प्रदेश के करीब एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारी जयपुर में महापड़ाव डाले हुए है.
मंत्रालयिक कर्मचारियों का कहना है कि 1950 में कनिष्ठ लिपिक का वेतन उपरेंजर औरतृतीय श्रेणी अध्यापक का वेतन बराबर था. वहीं पशुधन सहायक, फोरेस्टर, आयुर्वेद कंपाउडर प्रथम वद्वितीय श्रेणी, एएनएम, हैड कांस्टेबल औरकांस्टेबल का वेतन कनिष्ठ लिपिक से कम था, लेकिन 1961 में उपरेंजर का वेतन कनिष्ठ लिपिक से अधिक हो गया. इस दौरान कनिष्ठ लिपिक की वेतन श्रृंखला 90-200 थी, जबकि उपरेंजर को 90-225 की वेतन श्रृंखला मिली है.इसी तरह 1968 में उपरेंजर के साथ प्रथम श्रेणी के आयुर्वेद कंपाउडर भी वेतन में कनिष्ठ लिपिक से आगे चले गए है.
मंत्रालयिक कर्मचारियों को पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे समकक्ष अन्य कैडर के अनुरूप 3600, सहायक प्रशासनिक अधिकारी की 4200,अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की 6600 औरसंस्थापन अधिकारी की ग्रेड पे 7600 करने, संस्थापन अधिकारी के उपरांत मुख्य संस्थापन अधिकारी का पद नाम सृजित करने, योग्यता स्नातक करने तथ वर्ष 2013 में किए गए प्रारंभिक वेतन 9840 को पुर्नस्थापित करके सातवें वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन 25500 निर्धारण करने की मांग की है.
मौजूदा समय में विभिन्न विभागीय मंत्रालयिक कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी काम काज बाधित हो गया है, वहीं महंगाई राहत शिविरों में पहुंचने वाले आमजन को काम नहीं होने की वजह से बैरंग लौटना पड़ रहा है.पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन बाड़मेर के जिलाध्यक्ष चेनाराम चौधरी के मुताबिक मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी.
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Tags: Barmer news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : April 30, 2023, 14:10 IST