हुत रोचक है सीकर के देवीपुरा बालाजी मंदिर की कहानी, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम, जानें वजह

Last Updated:April 11, 2025, 22:11 IST
Hanuman Jayanti Special : सीकर के देवीपुरा बालाजी मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. 2023 में 2700 किलो रोट का भोग लगाया गया था. हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होते हैं.X
देवीपुरा बालाजी मंदिर मूर्ति
हाइलाइट्स
देवीपुरा बालाजी मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है2023 में 2700 किलो रोट का भोग लगाया गया थाहनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होते हैं
सीकर. राजस्थान के सीकर में बालाजी महाराज का एक चमत्कारिक मंदिर मौजूद है. यह मंदिर पूरे राजस्थान में देवीपुरा बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर का नाम गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. देवीपुरा बालाजी मंदिर के महंत ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि 450 साल पहले इस जगह पर भगवान राम का मंदिर हुआ करता था. इसके 100 साल बाद यानी, 350 साल पहले बालाजी की प्रतिमा यहां स्थापित की गई थी. महंत ने बताया कि 350 साल पहले बालाजी महाराज की मूर्ति को जयपुर से बैलगाड़ी में रखकर दूसरी जगह पर ले जाया जा रहा था.
तभी, रात हुई तो लोगों ने बालाजी की मूर्ति को नीचे उतार दिया. इसके बाद में जब सुबह हुई और वापस जाने के लिए भगवान राम के पास रखी हनुमान जी की मूर्ति को उठाया तो वह वही जम गई. पांच लोगों के जोर लगाने के बाद भ मूर्ति हिली तक नहीं. तभी, मूर्ति में से आवाज की ‘मैं मेरे आराध्य भगवान श्री राम के पास ही रहना चाहता हूं, मुझे यहीं पर स्थापित कर दो.’ इसके बाद सीकर के राजा देवी सिंह ने भगवान राम के मंदिर में बालाजी की पूर्ति स्थापित की.
मंदिर में बना था विश्व का सबसे बड़ा रोटमहंत ओमप्रकाश शर्मा ने बताया बताया कि 2023 में बालाजी महाराज को प्रसन्न करने के लिए 2700 किलो रोड का भोग लगाया गया था. इसे बनाने के लिए हजारों कारीगर लगे थे. इसके अलावा जेसीबी और क्रेन का भी उपयोग किया गया था. बालाजी महाराज का भोग लगाने के बाद करीब 25000 भक्तों को यह प्रसाद वितरण किया गया था. इस अनोखे कारनामे के कारण इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. इस दिन ही मंदिर के अंदर ही पंचमुखी बालाजी महाराज की अष्टधातु से बनी प्रतिमा भी स्थापित की गई थी.
हनुमान जयंती पर होते हैं विशेष आयोजनआपको बता दे की सिद्ध पीठ देवीपुरा बालाजी मंदिर में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर कई विशेष आयोजन होते हैं. 7 दिन पहले ही मंदिर में तैयारियां शुरू हो जाती है. इस दिन देश के प्रसिद्ध सिंगर यहां आकर भजनों की प्रकृति भी देते हैं. महंत के अनुसार हनुमान जयंती के दिन सीकर के प्रत्येक घर से मंदिर में बालाजी के दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं. इस दिन प्रवासी लोग भी मंदिर में आकर बालाजी महाराज से सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
April 11, 2025, 22:11 IST
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हुत रोचक है सीकर के देवीपुरा बालाजी मंदिर की कहानी, गिनीज बुक में दर्ज नाम