IAS Success Story: माता-पिता मजदूर, बेटी बनी वॉर्डन, नौकरी के साथ पास की UPSC परीक्षा, अब है अफसर
नई दिल्ली (Sreedhanya Suresh IAS Success Story). यह कहानी है केरल की श्रीधन्या सुरेश की. वह केरल की पहली महिला आदिवासी आईएएस अफसर हैं. उनके लिए यह मुकाम हासिल करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. उनके इस सफर में उन्हें अपने माता-पिता का पूरा साथ मिला. श्रीधन्या सुरेश के माता-पिता मनरेगा में मजदूरी करते थे. वह खुद कितने भी अभावों में रहे, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी का भविष्य संवारने में कोई कमी नहीं रखी.
श्रीधन्या सुरेश का जन्म केरल के वायनाड जिले में हुआ था. वह कुरिचिया जनजाति की सदस्य हैं. जब वह अफसर बनीं, तब वहां के ज्यादातर लोगों को आईएएस अफसर या यूपीएससी परीक्षा की जानकारी तक नहीं थी. श्रीधन्या सुरेश का बचपन काफी कठिनाइयों के साथ बीता. उनके पास पढ़ाई-लिखाई या करियर में ग्रोथ के लिए रिसोर्सेस नहीं थे. उनके आस-पास उन्हें सही सलाह देने वाले भी ज्यादा लोग नहीं थे. लेकिन श्रीधन्या सुरेश ने बहुत मेहनत की और अपने संघर्ष को खास मंजिल तक पहुंचाया.
Sreedhanya Suresh IAS: बचपन से सेट थे गोल्सश्रीधन्या सुरेश बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार थीं. उनके माता-पिता ने मनरेगा में मजदूरी करते हुए बेटी के सपनों को पंख दिए. श्रीधन्या सुरेश ने कालीकट के सेंट जोसेफ कॉलेज से स्कूल एजुकेशन पूरी की. फिर कोझिकोड की कालीकट यूनिवर्सिटी से जूलॉजी में मास्टर्स किया. वह बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली थीं. रिसोर्सेस की कमी की वजह से उन्हें दूसरों की तुलना में ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ा. लेकिन उन्होंने किसी भी पड़ाव पर अपना हौसला कमजोर नहीं पड़ने दिया.
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Sreedhanya Suresh IAS Biography: डिग्री के बाद मिली वॉर्डन की नौकरीमास्टर्स करने के बाद श्रीधन्या सुरेश को केरल राज्य सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में सरकारी नौकरी मिल गई थी. वहां उन्होंने आदिवासी स्टूडेंट्स के हॉस्टल में वॉर्डन के तौर पर काम किया था. अच्छी सैलरी मिलने के बावजूद श्रीधन्या सुरेश अपनी नौकरी से बहुत संतुष्ट नहीं थीं. उनके सपने और लक्ष्य बड़े थे. वह वॉर्डन के तौर पर जिंदगी नहीं बिताना चाहती थीं. उन्हें आगे बढ़ना था. इसीलिए उन्होंने नौकरी करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.
Sreedhanya Suresh UPSC: मेहनत में मिला दोस्तों का साथसाल 2018 में श्रीधन्या सुरेश ने यूपीएससी प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा पास कर ली थी. यूपीएससी इंटरव्यू के लिए उनके पास दिल्ली जाने तक के रुपये नहीं थे. इस कठिन समय में उनके दोस्तों ने उनका बहुत साथ दिया. दोस्तों की मदद से वह अपना सपना पूरा करने के लिए दिल्ली जा पाईं. श्रीधन्या सुरेश ने यूपीएससी 2018 परीक्षा में 410वीं रैंक हासिल की थी (Sreedhanya Suresh IAS Rank). इसके साथ ही वह केरल की पहली महिला आदिवासी आईएएस अफसर बन गईं.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 08:12 IST