प्रंशात किशोर की राहुल-प्रियंका से मुलाकात, पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हुई बातचीत

नई दिल्ली। अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। चुनावी रणनीतियां तय करने को लेकर सभी पार्टियों में सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। अब इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान हरीश रावत भी मौजूद रहे। हरिश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर जाकर मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की है। ऐसे में अब इन तमाम मुलाकातों को जोड़ते हुए सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं।
राहुल से मुलाकात से कुछ दिन पहले प्रशांत किशोर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से भी कई बार मुलाकात कर चुके हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर की रणनीतिक कामयाबी को देखते हुए शरद पवार चाहते हैं कि वे कांग्रेस की मदद करें।
दूसरी तरफ कुछ महीने पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशांत किशोर को अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त किया था और इसके बाद प्रशांत किशोर ने पंजाब कांग्रेस के विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठकें भी की थी।
चूंकि पंजाब कांग्रेस की चुनावी रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर के पास पहले से ही है तो ऐसे में अब राहुल-प्रियंका से उनकी मुलाकात के मायने ये समझे जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत बाकी चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी भी सौंपी जाए।
राहुल एक राष्ट्री नेता हैं: हरिश रावत
राहुल गांधी और प्रशांत किशोर की मुलाकात पर हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी एक राष्ट्रीय नेता हैं, उनसे कई तरह के लोग मिलते हैं और अपनी बात करते हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि प्रशांत किशोर यहां पंजाब के विषय में बात करने के लिए आए।
बंगाल में प्रशांत किशोर की रणनीति ने BJP को दी मात!
प्रशांत किशोर राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने का काम करते हैं। वे अब तक करीब-करीब सभी बड़ी पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं। अभी हाल ही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति बनाने का काम किया और ये माना जा रहा है कि इस वजह से भाजपा को शिकस्त मिली।
एक समय में ये तमाम राजनीतिक विश्लेषक ये मान रहे थे कि बंगाल में भाजपा ममता बनर्जी को हरा कर पहली बार सत्ता में काबिज हो जाएगी.. लेकिन प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति का ही नतीजा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में तीसरी बार लौटी। टीएमसी को 213 सीटें मिली. जबकि भाजपा को 77 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने ये वादा भी किया था कि यदि भाजपा 100 सीटों पर पहुंच जाती है तो वे अपने इस काम को करना छोड़ देंगे।