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पथरी पर महंगी दवाइयां हो गई हैं बेअसर, तो करें पत्थरचट्टा का इस्तेमाल और फिर देखिए शरीर से कैसे बाहर होती हैं पथरियां – Uttarakhand News

Last Updated:December 23, 2025, 16:55 IST

पिथौरागढ़: पत्थरचट्टा एक औषधीय पौधा है, जिसे आयुर्वेद में पाषाणभेद कहा जाता है. यह किडनी की पथरी, पेशाब में जलन और सूजन में लाभकारी माना जाता है. इसके रसीले पत्तों का रस पथरी को गलाने और शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है।what is pattharchatta

पत्थरचट्टा एक औषधीय पौधा है, जिसे हिंदी में पत्त्रचट्टा, पाषाणभेद, ब्रायोफिलम या कुलांथी पत्ता भी कहा जाता है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में यह पौधा घरों के आंगन, गमलों और जंगलों में आसानी से उग जाता है। इसकी खास पहचान इसके मोटे, हरे और रसीले पत्ते हैं, जिनके किनारों से नए पौधे निकल आते हैं।

what is kidney stone

पथरी यानी किडनी स्टोन, तब बनती है जब शरीर में पानी की कमी, गलत खान-पान और खनिज लवणों का असंतुलन हो जाता है। धीरे-धीरे ये लवण कठोर होकर पत्थर का रूप ले लेते हैं। इससे पेशाब में जलन, दर्द, खून आना और कमर या पेट में तेज पीड़ा जैसी समस्याएं होती हैं।

Importance of pattharchatta in Ayurved

आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को “पाषाणभेद”कहा गया है, जिसका अर्थ है – पत्थर को तोड़ने वाला। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार यह पौधा<br />मूत्रल (पेशाब बढ़ाने वाला), शोथहर (सूजन कम करने वाला), वेदनाशामक (दर्द कम करने वाला) गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद मानता है कि पत्थरचट्टा पथरी को धीरे-धीरे गलाकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।

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How pattharchatta works in kidney stone

पत्थरचट्टा के पत्तों में ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जो किडनी को साफ करते हैं, पेशाब के रास्ते जमा लवणों को ढीला करते हैं और पथरी के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। इसके नियमित सेवन से पेशाब की रुकावट कम होती है और जलन में राहत मिलती है।

How to consume patharchatta

पत्थरचट्टा का सेवन करने के लिए 2–3 ताजे पत्ते लें, अच्छे से धोकर पीस लें, छानकर 1–2 चम्मच रस निकालें। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। यह उपाय पथरी के लिए सबसे अधिक प्रचलित है। पत्थरचट्टा के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर लेने से इसका स्वाद बेहतर होता है और असर भी बढ़ता है। पत्थरचट्टा का काढा बनाकर भी पिया जा सकता है। यह तरीका पुराने दर्द और जलन में लाभकारी माना जाता है।

Benefits of Patthar benefits of pattharchatta

पथरी के अलावा पत्थरचट्टा कई और समस्याओं में भी उपयोगी है जैसे – मूत्र संक्रमण (UTI), पेशाब में जलन, सूजन, घाव भरने में, बवासीर और फोड़े-फुंसी में आयुर्वेद में इसे त्रिदोषनाशक माना जाता है, खासकर ‘पित्त दोष” को शांत करने में यह सहायक है।

Precaution while consuming

हालांकि पत्थरचट्टा एक प्राकृतिक औषधि है, फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।अधिक मात्रा में सेवन न करें, गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह लें, गंभीर या बड़ी पथरी में केवल घरेलू इलाज पर निर्भर न रहें और लंबे समय तक सेवन से पहले वैद्य या चिकित्सक से परामर्श करें।

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December 23, 2025, 16:53 IST

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टूट टूटकर निकलेगी पथरी, अगर कर लिया इस रामबाण पौधे का इस्तेमाल

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