रबी फसल बीमा नहीं कराया तो कट सकता है पैसा! 24 दिसंबर से पहले यह काम नहीं किया तो होगा नुकसान

उदयपुर. रबी सीजन 2025-26 में किसानों के लिए फसल बीमा से जुड़ी यह जानकारी बेहद जरूरी है. जिलेवार अधिसूचित रबी फसलों का बीमा किसान 31 दिसंबर तक करवा सकते हैं. यह बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत किया जा रहा है. सरकार इसे स्वैच्छिक बताती है, लेकिन जिन किसानों ने केसीसी या अन्य माध्यम से फसली ऋण ले रखा है, उनके खातों से बैंक प्रीमियम स्वतः काट सकते हैं.
जो किसान फसल बीमा नहीं कराना चाहते हैं, उन्हें 24 दिसंबर तक अपने ऋण देने वाले बैंक या संस्था में लिखित रूप से असहमति पत्र यानी ऑप्ट-आउट फॉर्म देना अनिवार्य है. यदि समय पर असहमति नहीं दी गई, तो 31 दिसंबर से पहले किसान के खाते से प्रीमियम अपने आप कट जाएगा.
कितना देना होगा प्रीमियमरबी फसलों के लिए किसान को केवल 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है. शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वहन करती है. यानी कम खर्च में प्राकृतिक आपदा, ओलावृष्टि, सूखा या अतिवृष्टि से नुकसान होने पर किसान को बीमा का लाभ मिल सकता है.
किन फसलों का होगा बीमारबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, ईसबगोल, मैथी, मक्का, मसूर, प्याज, आलू, मटर, लहसुन, टमाटर, फूलगोभी, तरबूज, आम, अमरूद, नींबू सहित कई फसलें अधिसूचित की गई हैं. हालांकि यह जरूरी है कि किसान अपने जिले में अधिसूचित फसल की ही बुवाई कर रहे हों, तभी बीमा मान्य होगा.
बीमा कहां करवा सकते हैंकिसान बैंक, ई-मित्र या सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से स्वैच्छा से फसल बीमा करवा सकते हैं. गैर-ऋणी किसानों के लिए एग्रीस्टैक किसान आईडी अनिवार्य की गई है. जिन किसानों के पास यह आईडी नहीं है, वे नजदीकी केंद्र से सहायता लेकर इसे बनवा सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यानकिसानों को समय पर गिरदावरी यानी फसल दर्ज करवाना जरूरी है. जिन किसानों ने अगेती फसल की कटाई कर ली है, उन्हें बीमा कराने से पहले सभी शर्तें ध्यान से समझनी चाहिए. बैंक से बीमा प्रीमियम कटौती की जानकारी लिखित रूप में लेना भी जरूरी है. यदि किसान असहमति देते हैं तो उसकी रसीद या प्रति सुरक्षित रखनी चाहिए.
किसानों के लिए सलाहफसल बीमा कराना या न कराना पूरी तरह किसान का अपना निर्णय है. बीमा कराने से पहले अपने क्षेत्र की स्थिति, फसल की अवस्था और बैंक की प्रक्रिया को समझना जरूरी है. सही और पूरी जानकारी लेकर लिया गया फैसला ही किसान के हित में होगा. यह खबर इसलिए अहम है ताकि कोई भी किसान अनजाने में प्रीमियम कटने या बीमा लाभ से वंचित न रह जाए.



