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अगर हो गई देरी तो…कभी नहीं बन पाएंगी मां! प्रजनन अंग खोखला कर देगी ये बीमारी, 5 लक्षण दिखें तो करा लें जांच, वरना…

Genital Tuberculosis In Females: तपेदिक यानी टीबी व्यापक रूप से फैलने वाली बीमारियों में से एक है. इसकी शुरुआत खांसी से शुरू होती है. यही वजह है कि आज दुनिया की एक बड़ी आबादी इसकी गिरफ्त में है. वैसे तो फेफड़ों की यह बीमारी लंग्स को खोखला करती है. लेकिन, अगर टीबी के बैक्टीरिया शरीर के किसी और भी हिस्से में घुस गए तो ये वहां भी बीमारी को जन्म दे सकते हैं. कई बार हमारी लापरवाही के चलते ये हड्डियों और प्रजनन अंगों में भी घुस जाते हैं, जोकि टीबी का का रूप ले लेते हैं. इसको जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस टीबी कहा जाता है. इस टीबी के होने से महिला-पुरुष दोनों में इनफर्टिलिटी पर गहरा असर पड़ता है.

डॉक्टर के मुताबिक, पुरुषों के प्रजनन अंगों में टीबी होने से स्पर्म काउंट घट सकता है, वहीं महिलाओं में इनफर्टिलिटी का जोखिम बढ़ता है. महिलाओं में ये टीबी होने से उनका प्रजनन तंत्र धीरे-धीरे खोखला हो जाता है, जिससे मां बनने की संभावनाएं खत्म होने लगती हैं. ऐसे में शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इलाज जरूरी है. अब सवाल है कि आखिर जेनाइटल टीबी कैसे घातक है? क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण? इसके बारे में को बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमृता साहा-

क्या है जेनाइटल ट्यूबरक्लोसिस (जेनाइटल टीवी)?

डॉ. अमृता साहा के मुताबिक, महिलाओं में जननांग टीबी महामारी की तरह फैल रही है. यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर रही है. जी हां, जेनिटल ट्यूबरक्लोसिस (Genital tuberculosis) टीबी की एक ऐसी बीमारी है, जो महिला के जननांगों को प्रभावित करती है. ये बीमारी 15 साल की उम्र से 45 साल की उम्र तक कभी भी किसी को भी हो सकती है. यह बीमारी फैलोपियन ट्यूब, सरविक्स, ओवरी,यूटेरस और वजाइना को को प्रभावित कर सकती है.

फैलोपियन ट्यूब धीरे-धीरे होने लगता डैमेज 

डॉ. अमृता साहा बताती हैं कि, जब टीबी महिलाओं के प्रजनन अंगों में होता है तो प्रेग्नेंसी को होने में बहुत दिक्कत हो जाती है. अगर इलाज न किया जाए तो पूरी तरह मां बनने की संभावना को धूमिल कर सकती है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में आमतौर पर टीबी फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय और कभी-कभी अंडाशय यानी ओवरी में भी होता है. महिलाओं में जब टीबी होता है तो इस बात की आशंका ज्यादा रहती है कि इसमें फैलोपियन ट्यूब डैमेज हो जाए. इस स्थिति में फर्टिलाइज एग गर्भाशय में आ नहीं पाता है. यानी अंडा शुक्राणुओं के साथ निषेचित तो हो जाता है लेकिन यह वहां से निकलकर बाहर नहीं आ पाता है. टीबी होने पर 90 प्रतिशत महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब ही डैमेज हो जाता है.

जननांग टीबी होने से पीरियड्स पूरी तरह हो जाते बंद 

डॉ. अमृता साहा कहती हैं कि अगर महिलाओं में 40 साल की उम्र से पहले टीबी लग गया तो एस्ट्रोजन हार्मोन को कम कर देता है. इस कारण प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर विकृति हो जाती है. इसमें अंडाशय की विकृत होने लगता है. इस स्थिति में अंडा बनता ही नहीं है. अगर अंडा बनेगा भी तो उसकी गुणवत्ता बहुत कमजोर हो जाती है. इंडोमैटेरियम में लाइनिंग बढ़ जाती है जिससे इनफर्टिलिटी हो जाती है. लगातार संक्रमण के बाद गर्भाशय की दीवार में साइनेचिया बीमारी हो जाती है जिसके कारण कभी पीरियड्स होता ही नहीं है.

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महिलाओं के प्रजनन अंगों में टीबी के लक्षण

महिलाओं के प्रजनन अंगों में टीबी होने पर पीरियड्स अनियमित होना.

कुछ महिलाओं में पेड़ू यानी पेल्विक एरिया में दर्द होना.

जेनाइटल टीबी गंभीर होने पर पीरियड्स पूरी तरह बंद हो सकता है.

कुछ महिलाओं में वेजाइनल डिस्चार्ज होने लगता है.

टीबी गंभीर होने पर मूवमेंट के दौरान भी पेट में दर्द होता है.

कुछ महिलाओं में बुखार भी आ सकता है.

कुछ मामलों में संबंध बनाने के दौरान भी दर्द हो सकता है.

Tags: Female Health, Health News, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 11:12 IST

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