जयपुर आ रहे हैं घूमने, तो अपने बच्चों को दिखाएं ये खास म्यूजियम, एक ही छत के नीचे हैं 500 से अधिक डॉल्स

Last Updated:April 27, 2025, 15:54 IST
डॉल म्यूजियम एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय है. जिसे साल 1974 से भगवानी बाई सेखसरिया गुड़िया घर के नाम से जाना जाता है. इस गुड़िया घर संग्रहालय में 500 से भी अधिक गुड़ियाएं रखी हैं. जो विशेष रूप से बच्चों के लिए आक…और पढ़ेंX
जयपुर के डॉल म्यूजियम में सजी अलग-अलग देशों की गुड़ियाएं।
हाइलाइट्स
जयपुर का डॉल म्यूजियम बच्चों के लिए खास आकर्षण है.म्यूजियम में 500 से अधिक गुड़ियाएं प्रदर्शित हैं.म्यूजियम में 40 देशों की संस्कृति की झलक मिलती है.
जयपुर. गर्मियों का सीजन चल रहा है और गर्मियों की छुट्टी में लोग अपने बच्चों के साथ जयपुर घूमने पहुंच रहे हैं. लोग यहां के ऐतिहासिक किलों का सबसे ज्यादा दीदार करते हैं लेकिन यहां के छोटे-छोटे म्यूजियम भी बेहद खास हैं जहां लोग इन्हें देखने पहुंचते हैं. ऐसा ही एक बच्चों के लिए तैयार किया गया म्यूजियम है जो हर किसी को पसंद आता है. जयपुर के सेठ आनंदी लाल पोद्दार मूक बधिर विद्यालय में स्थित डॉल म्यूजियम जो छोटे बच्चों के लिए एक बेहतरीन संग्रहालय है. यहां एक ही जगह पर भारत के अलग-अलग राज्यों और देश दुनिया की संस्कृति जिसमें उनके पहनावे, त्योहार और शादियों की वेशभूषाओं की अनोखी झलक गुड़ियों के माध्यम से देखी जा सकती है.
हर साल इस म्यूजियम में जून के महीने में दूसरे शनिवार को वर्ल्ड डॉल डे के रूप में मनाया जाता है. बचपन से ही बच्चों के खेल की शुरुआत डॉल के साथ होती है. हर बच्चे के जीवन का पहला खिलौना डॉल ही होती हैं इसलिए बच्चों को एक ही जगह पर 500 से भी अधिक डॉल्स यहां म्यूजियम में स्थापित की गई हैं, जिनमें भारत के अलावा देश दुकान की डॉल्स यहां सबसे आकर्षण का केंद्र है, इस म्यूजियम में सभी डॉल्स को बच्चे बिल्कुल पास से देख सकते हैं लेकिन उन्हें छू नहीं सकते क्योंकि उन्हें कांच की अलमारी में सजाया गया है.
जयपुर का डॉल म्यूजियम क्यों है खासयह डॉल म्यूजियम स्कूल परिसर में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय है, जिसे साल 1974 से भगवानी बाई सेखसरिया गुड़िया घर के नाम से जाना जाता है. इस गुड़िया घर संग्रहालय में 500 से भी अधिक गुड़ियाएं रखी हैं. जो विशेष रूप से बच्चों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है, विशेष रूप से इस संग्रहालय की खासियत है कि यहां भारत के हर राज्य के रहन-सहन और लिबास को समझाने के लिए एक खास गुड़िया रखी गई है.
संग्रहालय में बेल्जियम की डांसर, जापान की म्यूजिशियन, ब्राजील की स्कूल गर्ल्स को डॉल हाउस इसी तरह की दुनिया के अलग-अलग देशों की गुड़ियाएं यहां उन देशों की संस्कृति के बारे में जानकारी देती है और साथ ही डॉल म्यूजियम को घूमने के लिए आने वाले दर्शक एक छत के नीचे यहां रखी गुड़ियों के जरिए देसी और विदेशी संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं. संग्रहालय में खासतौर पर हर देश की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है जो बच्चों ने एक साथ नहीं देखी होगी.
संग्रहालय में दिखाई देती हैं देश दुनिया की संस्कृतिइस म्यूजियम में घूमने के लिए आने वाले बच्चे ही नहीं बल्कि लोग भी राजस्थान सहित देश दुनिया की संस्कृति से भी वाकिफ होते हैं. डॉल म्यूजिक में यू तो दुनिया के करीब 40 देशों की संस्कृति को इन गुड़िया के माध्यम से देख सकते हैं. इस संग्रहालय में 2 इंच की गुड़िया भी रखी हैं जो सबसे आकर्षण का केंद्र है. इस संग्रहालय को लोग अपने बच्चों को दिखाने के लिए दूर-दूर से आते हैं. आपको बता दें यह डॉल म्यूजियम रोजाना सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला रहता है, सिर्फ मंगलवार के दिन संग्रहालय बंद रहता है. इस संग्रहालय में छोटे बच्चों को यहां नि शुल्क प्रवेश मिलता है, जबकि वयस्कों के लिए 10 रुपए और विदेशी सैलानियों के लिए 50 रुपए की टिकट दर निर्धारित है.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 27, 2025, 15:54 IST
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Jaipur News: जयपुर आ रहे हैं घूमने, तो अपने बच्चों को दिखाएं ये खास म्यूजियम